कहानी (पागल अब ठीक हो गया)
एक बार एक साधु एक गाँव से गुजर रहा था।अचानक उसे प्यास लगी और उसने एक कुँए के पास जाकर वहां पानी भर रहे लोगों से पीने के लिये पानी मांगा लेकिन गांव वालों ने पानी देने से मना कर दिया।साधू लोगों को यह श्राप देकर चला गया है कि यदि कल से कोई भी व्यक्ति इस कुएं का पानी पियेगा तो वह पागल हो जायेगा।लोगों ने साधू कि बात पर विश्वास नही किया,लेकिन एक व्यक्ति कुछ पानी घड़े में चुराकर पहाडी पर रख दिया और वही पानी पीने लगा।सुबह होने पर सभी गांव वालों ने साधु की बात पर ध्यान न देकर पानी पी लिया और पागल हो गए।केवल एक व्यक्ति ही गांव में सही सलामत था जिसने पानी नही पिया था।लेकिन गांव के सारे पागल मिलकर उस व्यक्ति को पागल कहने लगे जो सच मे सही था।कुछ दिन बाद उस व्यक्ति का पानी भी समाप्त हो गया और वह भी कुएं का पानी पीने के लिए बाध्य हो गया और वह भी पागल हो गया।उस व्यक्ति के भी पागल हो जाने पर गांव वाले बड़े खुश हुए और कहा कि हाँ,अब यह बिल्कुल ठीक हो गया और इसका पागलपन भी दूर हो गया।
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