सम सीमांत उपयोगिता नियम अथवा प्रतिस्थापन का नियम इस नियम को गोसेन का दूसरा नियम भी कहा जाता है क्योंकि गोसेन ने सबसे पहले उपयोगिता हास नियम और बाद में सम सीमांत उपयोगिता नियम की रचना की थी। सम सीमांत उपयोगिता नियम की परिभाषा- सम सीमांत उपयोगिता नियम की प्रमुख परिभाषा नीचे दी गई है: मार्शल के अनुसार -" यदि किसी व्यक्ति के पास कोई एक ऐसी वस्तु हो जो विभिन्न प्रयोगों में लाई जा सके तो वह उस वस्तु को विभिन्न प्रयोगों में इस प्रकार बांटेगा कि उसकी सीमांत उपयोगिता सभी प्रयोगों में समान रहे,क्योंकि यदि वस्तु की सीमांत उपयोगिता एक प्रयोग में दूसरे की अपेक्षा अधिक है तो वह दूसरे प्रयोग से वस्तु की मात्रा हटााकर तथा उसका प्रयोग पहले में करके लाभ प्राप्त कर सकता है। मार्शल ने सम- सीमांत उपयोगिता नियम के संबंध में व्यापक विचार प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने अपनी परिभाषा में मुद्रा के स्थान पर वस्तु को माध्यम माना है।यदि हम उनकी परिभाषा में वस्तु के स्थान पर मुद्रा को सम्मिलित कर देते हैं, तो भी परिभाषा तथा नियम की प्रकृति में अंतर नहीं आएगा अर्थात वस्तु के ही समान मुद्रा को भी एक से अधिक व
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