धर्म-सुधार आंदोलन : खोजें एवं आविष्कार(कक्षा-10, सामाजिक विज्ञान)

 धर्म-सुधार आंदोलन : खोजें एवं आविष्कार

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न.1. समुद्री मार्ग से वास्कोडिगामा कालीकट बन्दरगाह कब पहुँचा ? 

( a ) 1388 ई . में ( b ) 1398 ई . में ( c ) 1488 ई . में      ( d ) 1498 ई . में 

उत्तर-( d ) 1498 ई . में 

प्रश्न.2. मार्टिन लूथर किस देश का निवासी था ? 

( a ) इंग्लैण्ड ( b ) फ्रांस ( c ) जर्मनी ( d ) स्पेन 

उत्तर-( c ) जर्मनी

प्रश्न.3.समुद्री मार्ग से सर्वप्रथम भारत पहुँचने वाला विदेशी व्यक्ति कौन था ? 

 ( a ) मैगलेन ( b ) वास्कोडिगामा ( c ) कोलम्बस ( d ) ड्रेक 

उत्तर- ( b ) वास्कोडिगामा

प्रश्न.4. प्रोटेस्टैण्ट धर्म की स्थापना किसने की थी ? 

 ( a ) रोजर बेकन ( b ) संत आगस्टीन ( c ) कॉर्ल मार्क्स (d)मार्टिन लूथर 

उत्तर-(d)मार्टिन लूथर 

प्रश्न.5.फ्रांसीसी ड्रेक की प्रसिद्धि का कारण था , उसके द्वारा 

 ( a ) उत्तमाशा की खोज ( b ) कुतुबनुमा का आविष्कार      ( c ) फिलीपीन में उपनिवेश की स्थापना ( d ) समुद्री मार्ग में विश्व परिक्रमा

उत्तर- ( d ) समुद्री मार्ग में विश्व परिक्रमा

प्रश्न.6. जर्मनी में धर्म सुधार आंदोलन के प्रेणता थे  

( a ) जिविंग्लि  ( b ) काल्विन ( c ) राजा फिलिप (d) मार्टिन लूूूूूथर

उत्तर-(d) मार्टिन लूूूूूथर

प्रश्न.7. मार्टिन लूथर ने धर्म सुधार आंदोलन किस देश से प्रारम्भ किया था ? 

 ( a ) इटली ( b) फ्रांस ( c)  जर्मनी ( a ) इंग्लैण्ड 

उत्तर- ( c)  जर्मनी

प्रश्न.8. कोलम्बस किस देश का निवासी था ?

 ( a ) जेनेवा ( b ) ब्रिटेन ( d ) रूस ( c ) चीन ( b ) 

उत्तर-( a ) जेनेवा

प्रश्न. 9. नई दुनिया की खोज की 

( a ) वास्कोडिगामा (b)मैगलेन( c ) काल्विन ( d) कोलम्बस

उत्तर- ( d) कोलम्बस

 10. प्रोटेस्टैण्ट धर्म सुधारक काल्विन किस देश का नागरिक था ?

 ( a ) स्कॉटलैण्ड( b ) फ्रांस ( c) स्विट्जरलैण्ड (d ) स्पेन 

उत्तर-( b ) फ्रांस

11. समुद्री मार्ग से उत्तमाशा ( केप ऑफ गुड होप ) पहुँचने वाला प्रथम यूरोपवासी कौन था ?

(a) बार्थोलोमियो डियाज ( b ) लिविंग्स्टन ( c ) वास्कोडिगामा ( d ) कोई नहीं

उत्तर-(a) बार्थोलोमियो डियाज

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 

1. यूरोप में धर्म सुधार आंदोलन के दो प्रमुख नेताओं के नाम लिखिए । 

उत्तर : ( i ) मार्टिन लूथर ,  ( ii ) काल्विन

प्रश्न 2. अमेरिका की खोज किसने और कब की थी ? 

उत्तर : अमेरिका की खोज कोलम्बस ने 1492 ई ० में की थी । 

प्रश्न 3. वास्कोडिगामा किस देश का निवासी था ? 

उत्तर : वास्कोडिगामा पुर्तगाल का निवासी था ।

प्रश्न 4. वास्कोडिगामा कौन था ? उसने किस वर्ष भारत आने के जलमार्ग की खोज की ? अथवा वास्कोडिगामा किस देश का नाविक था ? अथवा यूरोप से भारत पहुँचने के लिए समुद्री मार्ग की खोज किसने की थी ? वह किस देश का निवासी था?  

उत्तर :वास्कोडिगामा पुर्तगाल का निवासी था। उसने 1498 ई० में भारत आने के जलमार्ग की खोज की थी ।

 प्रश्न 5. यूरोप में धर्म सुधार आंदोलन किसके विरुद्ध था? 

उत्तर : यह आंदोलन चर्च के दोषों के विरुद्ध था ।

प्रश्न 2. भौगोलिक खोजों के तीन प्रभावों का उल्लेख कीजिए । 

उत्तर : भौगोलिक खोजों के निम्नलिखित प्रभाव हुए              ( i ) अनेक व्यापारिक नंगरों का आपस में सर्पक हो जाने से व्यापार का विकास एवं विस्तार हुआ ।                               ( ii ) यूरोपीय देशों में साम्राज्य बढ़ाने और अपने उपनिवेश बनाने की प्रतिस्पर्धा प्रारम्भ हो गई ।।                                 ( iii ) छोटे तथा सुगम मार्ग अस्तित्व में आए ।

 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. धर्म - सुधार आंदोलन के प्रमुख परिणामों की विवेचना कीजिए । 

उत्तर : धर्म - सुधार आंदोलनों के निम्नलिखित परिणाम हुए -

धार्मिक एवं सामाजिक परिणाम

1. गृह - युद्ध तथा विद्रोह - दोनों धर्म प्रोटेस्टैण्ट तथा कैथोलिक साम्प्रदायों में शत्रुता इतनी बढ़ गई कि दोनों एक - दूसरे के खून के प्यासे हो गए । इसका परिणाम यह हुआ कि विभिन्न देशों में धर्म के नाम पर युद्ध होने लगे जिससे जान - माल का बहुत नुकसान हुआ ।

 2. मानवतावादियों और प्रोटेस्टैण्टों में मतभेद - मानवतावादी तथा प्रोटेस्टैण्ट दोनों ही चर्च में भ्रष्टाचार के विरुद्ध थे तथा चर्च में सुधार लाना चाहते थे । परन्तु उनके सिद्धान्तों में कुछ गम्भीर मतभेद थे । मानवतावादी मनुष्य की शक्ति तथा प्रतिष्ठा पर बल देते थे जबकि प्रोटेस्टैण्ट ईश्वर की सर्वोच्चता पर बल देते थे । 

3. नैतिकता पर बल - धर्म - सुधारक पोप तथा पादरियों के अनैतिक जीवन के कड़े आलोचक थे । विभिन्न चर्च स्थापित होने से पादरियों की आँखे खुल गई । उन्होंने चर्च में सुधार करने शुरू कर दिए , जिससे चर्च में पवित्रता आ गई । सांस्कृतिक परिणाम 

1. शिक्षा का प्रसार - इसाई मत की दोनों शाखाओं के समर्थकों ने अधिक - से - अधिक लोगों को अपने अनुयायी बनाने के लिए शिक्षा पर बल दिया । 

2. देशी भाषाओं का विकास - धर्म - सुधारकों ने प्रचार के लिए देशी भाषाओं को ही माध्यम बनाया , बाइबल का अनुवाद भी विभिन्न देशी भाषाओं में किया गया । 

3. कला तथा साहित्य का विकास - धर्म - सुधार आंदोलन के पश्चात् कला तथा साहित्य के क्षेत्र में परिवर्तन आ गया । कला का विषय धार्मिक न होकर धर्म निरपेक्ष हो गया ।

आर्थिक परिणाम 

1. किसानों की दयनीय स्थिति - किसानों की स्थिति इतनी ज्यादा दयनीय हो गई कि चर्च ने उन्हें दान देना बन्द कर दिया । 
2. पूँजीवाद को प्रोत्साहन - कई देशों में चर्च के पास अपार सम्पत्ति थी । धर्म - सुधारकों ने चर्च में फैले भ्रष्टाचार की जोरदार निन्दा की । इसके चलते प्रोटेस्टैण्ट शासकों ने चर्च की सम्पत्ति को जब्त करके देश के विकास कार्यों में लगा दिया । 

3. व्यापार तथा वाणिज्य का विकास - प्रोटेस्टैण्टों को व्यापारियों तथा उद्योगपतियों का संरक्षण प्राप्त होने के कारण व्यापार तथा वाणिज्य का विकास हुआ ।

 राजनीतिक परिणाम 

1. धार्मिक युद्ध - धर्म - सुधार आंदोलन के पश्चात् कई देशों ने प्रोटेस्टैण्ट धर्म को राजकीय धर्म घोषित कर दिया और कई देशों में कैथोलिक धर्म ही प्रचलित था । इसलिए दोनों धर्मों के देश आपस में शत्रु बन गए , जिसके कारण कई धार्मिक युद्ध हुए । 
2. राष्ट्रीय राज्यों की शक्ति में वृद्धि - धर्म - सुधार आंदोलन से पहले ही राष्ट्रीय राज्यों का उदय हो चुका था । धर्म - सुधार आंदोलन के चलते उनकी शक्ति में और वृद्धि हो गई । 

3. प्रजातंत्र की ओर- धर्म - सुधार आंदोलन के कारण लोगों में प्रजातंत्र की भावना प्रबल हुई । प्रोटेस्टैण्ट धर्म - सुधारकों के विचारों ने लोगों के मन पर गहरा प्रभाव डाला , क्योंकि वह व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर जोर देते थे । वे निरंकुश शासकों के विरुद्ध विद्रोह करने लगे । परिणामस्वरूप विश्व में लोकतंत्र के लिए संघर्ष होने लगा । 

प्रश्न 2. 15 वीं शताब्दी में नवीन व्यापारिक मार्गों की खोज क्यों हुई ?

उत्तर : कुस्तुनतुनिया नगर का यूरोप तथा एशिया के बीच व्यापारिक मार्ग का सबसे महत्वपूर्ण स्थान रहा । यह व्यापार मार्ग का मुख्य द्वार था । 1453 ई ० में इस नगर पर तुर्कों ने अधिकार कर लिया था । इसलिए पूर्वी तथा पश्चिमी देशों के मध्य सम्पर्क स्थापित करने वाला मार्ग भी तुर्कों के अधीन आ गया । व्यापार के लिए व्यापारियों को इस नगर के मध्य से ही गुजरना पड़ता था । जब यह राज्य तुर्कों के पास चला गया तो व्यापार का स्तर कम हो गया । गरम मसालों के महत्व एवं भारत के वैभव के लोभ से पूरब के साथ व्यापार करने के लिए यूरोप के नए राष्ट्र स्पेन तथा पुर्तगाल लालायित थे । नए मार्गों की खोज करनी शुरू कर दी परन्तु फिर भी नए मार्गों की खोज कोई ज्यादा फलदायी नहीं रही ।

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