Short Answer Type Questions Q.1 . Who was Tut ? At what age did he die ? टुट कौन था ? कितनी आयु में उसकी मृत्यु हुई ?
Ans . Tut was an Egyptian king . His full name was Tutankhamun . He died in his teen age . He was the last heir of a powerful family that had ruled Egypt for centuries . His reign was more than 3,300 years ago . टुट मिस्र का राजा था । उसका पूरा नाम टुटनखामून था । किशोर अवस्था में उसकी मृत्यु हो गयी थी । वह उस परिवार का अन्तिम उत्तराधिकारी था जिसने सैकड़ों वर्षों तक मिस्र पर शासन किया था । उसका शासन 3,300 वर्षों से अधिक पहले था ।
Q.2 . What were the things buried with Tut ? ( टुट के साथ दफनाई गयी चीजें कौन - सी थीं ? )
Ans . Many things of everyday use were buried with king Tut with the hope for resurrection : As Tut was a king many golden ornaments with board games , a bronze razor , linen undergarments , cross of food wine etc. were buried for his afterlife uses . ( पुनर्जन्म की आशा के साथ बहुत सारी प्रतिदिन प्रयोग की जानी वाली वस्तुएँ राजा टुट के साथ दफनाई गयी थीं । चूँकि टुट एक राजा था , बहुत सारे स्वर्ण आभूषण , बोर्ड के खेलों के साथ , ब्रोन्ज ( धातु ) का रेजर , लाइनन अन्डर गारमेण्टस , भोजन तथा शराब की पेटियाँ आदि उसके जीवन के बाद के प्रयोग के लिए दफनाई गयी थीं । )
Q.3 . How was Carter troubled when he found the mummy finally ? ( अन्त में जब कार्टर को ममी मिली तो वह परेशानी में कैसे पड़ा ? )
Ans . Carter ran into trouble when he reached the mummy . The ritual resins had hardened , cementing Tut to the bottom of his solid gold coffin . No amount of legitimate force could move them . So Carter was in great trouble . ( जब कार्टर ममी के करीब पहुंचा तो परेशानी में पड़ गया । अनुष्ठान ( धार्मिक संस्कार में प्रयुक्त होने वाला ) लेप कठोर हो गया था , उसके ठोस सोने के ताबूत से चिपकाते ( जमाते ) हुए । उचित ( सम्पूर्ण ) ताकत का प्रयोग उसे हिला भी नहीं पाया । अत : कार्टर बड़ी परेशानी में था । )
Q.4 . What did Ray Johnson say about Amenhotep IV ? ( अमेनहोटेप IV के बारे में Ray Johnson ने क्या कहा था ? )
Ans . Ray Johnson , the director of the University of Chicago's research centre in Luxor said , " It must have been a horrific time . " The family that had ruled for centuries was coming to an end , and then Akhenaten went a little wacky . ( रे जॉनसन लक्सर में शिकागो की रिसर्च केन्द्र यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर ने कहा , " वह एक बड़ा भयावह समय रहा होगा । वह परिवार जिसने शताब्दियों तक राज्य किया , उसका अन्त हो गया और तब अखिनेतन पागल होकर रह गया । " )
Q.5 . Why did Tutankhaten ' change his name to Tutan khamun ' ? ( तुतेनखातेन ने अपना नाम बदलकर तुतेनखामुन क्यों रखा ? )
Ans . King Tut- Tutankhaten changed his name to Tutankhamun which meant living image of Amun ' because he had a faith and dedication in God ' Amun ' . So , to show his followership , he changed his name . ( राजा टुट - तूतेनखातेन ने अपना नाम तूतेनखामुन जिसका अर्थ एमन की जीवित प्रतिमा ' है , बदलकर इसलिए रखा क्योंकि उसका देवता एमन में विश्वास और समर्पण था । अतः अपना अनुचर दर्शाने के लिए उसने अपना नाम बदल दिया । )
Q.6 . What happened to Tut's dead body after his death ? टुट की मृत्यु के बाद उसके शरीर का क्या हुआ ?
Ans . Tut's dead body was embalmed and burried in a royal grave in the Valley of the kings . Many attractive artifacts in gold and everyday things kept with his dead body . The Egyptian rulers might believe in life after death . टूट के शव पर औषधियों का लेप करके उसे राजाओं की घाटी नामक राजसी कब्रिस्तान में दफनाया गया था । बहुत - सी आकर्षक मानव निर्मित स्वर्ण की वस्तुएँ व दैनिक जीवन की वस्तुएँ उसके शव के पास रख दी गयी थी । सम्भवत : मिस्र के शासक पुनर्जन्म में विश्वास रखते थे ।
Q.7 . Who was Howard Carter ? हावर्ड कार्टर कौन था ?
Ans . Howard Carter was a British Archaeologist . He discovered Tut's tomb in 1922 A.D. after many years of futile searching . Carter was fascinated with valuable things used at Tut's funeral . हॉवर्ड कार्टर एक अंग्रेज पुरातत्ववेत्ता था । अनेक वर्षों की असफल खोज के बाद , 1922 ई ० में उसने टुट की कब्र खोज ली । टुट के अंतिम संस्कार में प्रयुक्त मूल्यवान वस्तुओं की ओर हॉवर्ड कार्टर बहुत आकर्षित हुआ ।
Q.8 . What is the significance of 5th January 2005 A.D.is Tutankhamun Saga ? टुटनखामून गाथा में 5 जनवरी 2005 ई ० का क्या महत्त्व है ?
Ans . On 5th January 2005 A.D. , for the first time , Tutankhamun's dead body was removed from his tomb and taken to C.T. scanner . It was brought there to unfold the mystries surrounding this young ruler . 5 जनवरी 2005 ई ० को पहली बार टुटनखामून के शव को उसके मकबरे ( कब्र ) से निकालकर सी ० टी ० स्कैनर तक ले जाया गया । इस नवयुवक शासक से जुड़े रहस्यों को उजागर करने के लिये इसे लाया गया था ।
Q.9 . What frightening changes took place in the atmosphere when Tut's dead body was taken for C.T. scan ? जब टुट के शव को सी ० टी ० स्कैन के लिये ले जाया गया तब मौसम में क्या - क्या डरावने परिवर्तन हुए ?
Ans . The wind began to blow violenty . The dust took the shape of like ghost . Large patches of grey clouds hovered quickly across the desert sky . The clouds hid the stars . It was the horrible scene . बहुत तेज हवा चलने लगी । रेत ने भूत के जैसा आकार ले लिया । रेगिस्तानी आकाश पर बड़े - बड़े बादल मंडराने लगे । बादलों ने आकाश को ढक दिया । बड़ा भयानक दृश्य था ।
Que.10- What were the results of the C.T. Scan ? सी ० टी ० स्कैन के क्या परिणाम निकले ?
Ans . A C.T. machine scanned the mummy head to toe . It created 1,700 digital X - ray images in cross - section . All the important parts of the body were quite clear and safe . The results were encouraging . सी ० टी ० स्कैन मशीन ने ममी को सिर से पैर तक स्कैन किया । इसने कई कोणों से आड़ी तिरछी 1,700 डिजिटल आकृति बनायी । शरीर के सभी महत्त्वपूर्ण भाग बिल्कुल स्पष्ट व सुरक्षित थे । परिणाम उत्साहित करने वाले थे ।
Que. ( iii ) List the advances in technology that have improved forensic analysis . तकनीक में उस तरक्की को सूचीबद्ध करें जिसने फॉरेंसिक जाँच में सुधार किया ।
Ans . The advances in technolgy that have improved forensic analysis are following : ------
X - ray , Ultrasound , C.T. Scan , autopsy , biopsy and post mortem are technologies those provide exact information in diagnosis .
तकनीक में वे तरक्की निम्नलिखित हैं जिसने फॉरेंसिक जाँच में सुधार किया: ------
एक्स - रे , अल्ट्रासाउण्ड , सी ० टी ० स्कैन , ऑटोप्सी , बायोप्सी और पोस्टमॉर्टम ही वे तकनीक हैं जो रोग के निदान ( डायग्नोसिस ) में ठीक - ठीक सूचना देती हैं ।
Que.( iv ) Explain the statement , “ king Tut is one of the first mummies to be scanned - in death as in life ..... यह कथन स्पष्ट करें , “ राजा टुट की ममी उन शवों में से एक है जिनको स्कैन किया गया - जीवित या मृत ........... "
Ans . King Tut's mummy was the first one to be X - rayed by an anatomy professor in 1968 A.D. Tut's mummy was scanned in 2005 A.D. The above statement reveals that Tut was famous in his life and even after his death .
राजा टुट की पहली ही ममी थी जिसका 1968 ई ० में शरीर रचना विज्ञान के एक प्रोफेसर द्वारा एक्स - रे किया गया । 2005 ई ० में टुट की ममी को स्कैन किया गया । उक्त कथन दर्शाता है कि टुट अपने जीवन में व मृत्यु के बाद भी प्रसिद्ध हो गया ।
Long Answer Type Questions
Q.1 . Knowledge about the past is useful to complete our knowledge of the world we live in .
जिस संसार में हम रहते हैं , उसके बारे में अपने ज्ञान को पूरा करने के लिये अतीत के बारे में ज्ञान उपयोगी है ।
Ans . In favour : I believe that it is necessary to know and study our past . Knowledge of the past satisfies our human thirst for knowledge . We can learn lessons from the follies and failures in the past . Past events act as a pointer or a pole star to guide us . What we call present today will become a part of history tomorrow . Knowledge is a great gift either of past or present or future . It will always be useful for human kind .
Against : We are living in a world which is changing rapidly day by day . The problems of past are different from those of present . So the solutions of the problems of past cannot be helpful to solve today's problems . For example , we are facing many diseases caused by mobile phones , television and computer etc. In ancient time , neither were these things nor their bad effects . Now , ignoring past we should try to invent new ways to get rid of present problems . We should not waste our precious time in getting knowledge about the past .
पक्ष में : मुझे विश्वास है कि हमें अपने अतीत को जानना और अध्ययन करना आवश्यक है । अतीत का ज्ञान मनुष्य की ज्ञान की प्यास को बुझाता है । हम अतीत की मूर्खताओं और असफलताओं से सबक सीख सकते हैं । अतीत की घटनाएँ हमें रास्ता दिखाने में मार्गदर्शक का काम करती हैं । जिसे आज हम वर्तमान कहते हैं , कल वह इतिहास बन जायेगा । ज्ञान एक बड़ा उपहार है , चाहे वह अतीत का हो या वर्तमान का हो या भविष्य का हो । यह मानवजाति के लिये हमेशा उपयोगी रहेगा ।
विपक्ष में : हम एक ऐसे संसार में रह रहे हैं जो दिन पर दिन तेजी से बदल रहा है । अतीत की समस्याएँ वर्तमान की समस्याओं से भिन्न हैं । इसलिये अतीत की समस्याओं के समाधान वर्तमान की समस्याओं को सुलझाने में सहायक नहीं हो सकते । उदारहण के रूप में , हम मोबाइल फोन , टेलीविजन और कम्प्यूटर आदि से उत्पन्न बहुत - सी बीमारियों से जूझ रहे हैं । प्राचीनकाल में न ये वस्तुएँ थी न ही इनके दुष्प्रभाव । अब हमें अतीत न देखकर वर्तमान की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिये नये तरीके खोजने चाहिये । हमें अतीत का ज्ञान प्राप्त करने में अपने कीमती समय को नष्ट नहीं करना चाहिये ।
Q.2 . Traditions , rituals and funerary practices must be respected .
परंपराओं , रिवाजों और अंत्येष्टि प्रथाओं का सम्मान किया जाना चाहिये ।
Ans . In favour : More than four thousand religions are there in the world . The people of different religions , cultures and civilizations follow various traditions , rituals and funerary practices . These practices are mostly associated with the sentiments and emotions of each society . The dead bodies buried beneath the surface are supposed to rest peacefully till the day of judgement . Funerary traditions had a certain sanctity for the followers of that particular religion . In a nut shell , traditions , rituals and funerary practices must be respected .
Against : We are living in a throat cut competitive era . The world is progressing by leaps and bounds . We should not be hellbent on practising impractical customs and traditions . They are the hindrance in the way of development of any country . However , we should not be intolerant or disrespectful of old traditions and rituals . We should ignore the practices those block the flow of information and knowledge
पक्ष में : संसार में चार हजार से भी अधिक धर्म हैं । विभिन्न धर्मों , संस्कृति और सभ्यताओं के लोग अनेक पंरपराओं , रस्म - रिवाज और अंत्येष्टि प्रथाओं का पालन करते हैं । ये प्रथाएँ अधिकतर प्रत्येक समाज की भावनाओं से जुड़ी हैं । माना जाता है कि जमीन के नीचे दबे शव कयामत के दिन तक शान्तिपूर्वक विश्राम में हैं । उस धर्म विशेष के अनुयायियों के लिये अंत्येष्टि परंपराओं की एक निश्चित पवित्रता थी । संक्षेप में परंपराओं , रिवाजों और अंत्येष्टि प्रथाओं का सम्मान किया जाना चाहिये ।
विपक्ष में : हम एक कड़े प्रतिस्पर्धी युग में रह रहे हैं । संसार दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है । हमें अव्यावहारिक परंपराओं व रिवाजों पर अड़े नहीं रहना चाहिये । वे किसी भी देश के विकास में बाधक होते हैं । हालांकि हमें पुरानी परंपराओं व रिवाजों के प्रति असहिष्णु या अशिष्ट नहीं होना चाहिए।हमें उन प्रथाओं को नजरअंदाज कर देना चाहिए जो सूचना और ज्ञान के प्रवाह को अवरुद्ध करें।
Q.3 . Scientific intervention is necessary to unearth buried mystries .
दफन रहस्यों को जानने के लिये वैज्ञानिक हस्तक्षेप आवश्यक है ।
Ans . In favour : Every country has it own glorious history . But some mystries are unfolded . They are death to hide . We can take the example of Tutankhamun . He was buried with gold artifacts and daily life things . In 1922 A.D. his tomb was discovered . The modern world only guessed about him . Some people believe that the boy king might have been murdered . Both of his life and death are full of mystery . Scientific techniques are helpful to reveal the truth . Hence , scientific intervention is necessary to unearth buried mystries .
Against : Most of the countries are facing various problems in the world now a days . This is a competitive era . The people are busy in making their present strong . We must devote our money , time and energy in making our fortune not in unfolding mystries of the past . We should believe in ' let bygone be bygone ' . Scientific techniques should be used to make human life easy . Traditional ways should be used to unfold the ancient mystries .
पक्ष में : प्रत्येक देश का अपना एक गौरवशाली इतिहास होता है । किन्तु कुछ रहस्य असुलझे ही रहते हैं । वे हमेशा के लिये दब जाते हैं । हम टुटनखामून का ही उदाहरण ले सकते हैं । उसे सोने की कलाकृतियों व दैनिक जीवन की वस्तुओं के साथ दफनाया गया था । 1922 ई ० में उसके मकबरे की खोज हुई । आधुनिक संसार ने उसके बारे में केवल अनुमान लगाया । कुछ लोगों का विश्वास है कि उसकी हत्या की गयी होगी । उसका जीवन व मृत्यु दोनों ही रहस्यों से भरे हैं । वैज्ञानिक तकनीक सत्य को उजागर करने में सहायक होती है । इसलिये दफन रहस्यों को जानने के लिये वैज्ञानिक हस्तक्षेप आवश्यक है ।
विपक्ष में : आजकल संसार के अधिकतर देश अनेकों समस्याओं से जूझ रहे हैं । यह एक प्रतिस्पर्धा वाला युग है । लोग अपने वर्तमान को मजबूत करने में व्यस्त हैं । हमें अपना धन , समय और ऊर्जा अपना भाग्य बनाने में लगाना चाहिये न कि भूतकाल के रहस्यों को उजागर करने में । हमें जो बीत गया सो बीत गया में विश्वास रखना चाहिये । वैज्ञानिक तकनीकों को मनुष्य के जीवन को आसान बनाने में प्रयोग किया जाना चाहिये । प्राचीन रहस्यों को सुलझाने के लिये परम्परागत तरीके ही अपनाने चाहिये । .
Q.4 . Advanced technology gives us conclusive evidence of past events .
उन्नत तकनीक हमें अतीत की घटनाओं के विषय में निष्कर्षात्मक साक्ष्य प्रदान करती है ।
Ans . In favour : The above statement is quite right . We know that proper written records about many past events are not available . Facts and fiction are mingled together . Sometimes we cannot separate them . We do not know enough exactly about many great personalities and events the past . There were many bards and sycophants in the courts in old age . They blew up the image of the kings . But now we have advanced technology . It brings forward the facts for conclusive evidence of the past events .
Against : I do not agree with this statement that advanced technology gives us conclusive evidence of the past events . Undoubtedly , we have advanced techniques of modern science . We can reconstruct the evidence of past events and examine minutely with the help of new techniques . But it is not possible in all cases . So it will be unfair to generalise and take it true in all cases . Sometimes processing of available data provide contradictory accounts and create make confusion . Moreover , some evidences may not be worthy of analysis and examination .
पक्ष में : उक्त तथ्य बिल्कुल सही है । हम जानते हैं कि बहुत - सी अतीत की घटनाओं के हमारे पास कोई लिखित आंकड़े या रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं । तथ्य और कल्पना आपस में ऐसे मिल गये हैं कि कभी - कभी तो हम उन्हें अलग भी नहीं कर सकते । हमें बहुत - से महान् लोगों से और अतीत की घटनाओं के बारे में सटीक रूप से पर्याप्त जानकारी नहीं है । पुराने जमाने में दरबार में बहुत - से राज कवि और चापलूस हुआ करते थे । वे राजा की छवि को बढ़ा - चढ़ा कर प्रस्तुत करते थे । किन्तु अब हमारे पास उन्नत तकनीक है । यह हमें अतीत की घटनाओं के विषय में निष्कर्षात्मक साक्ष्य प्रदान करती हैं ।
विपक्ष में : मैं इस कथन से सहमत नहीं हूँ कि उन्नत तकनीक हमें अतीत की घटनाओं के विषय में निष्कर्षात्मक साक्ष्य प्रदान करती है । निस्संदेह हमारे पास आधुनिक विज्ञान की उन्नत तकनीकें हैं । नयी - नयी तकनीकों की सहायता से हम अतीत की घटनाओं के साक्ष्य को पुनः निर्मित कर सकते हैं और उनका बारीकी से परीक्षण कर सकते हैं । किन्तु यह सभी मामलों में सम्भव नहीं है । किन्तु सभी मामलों में इसे सत्य समझना व सामान्यीकरण करना अनुचित होगा । कई बार उपलब्ध तथ्यों का विश्लेषण आपस में विरोधी विवरण प्रदान करता है व मामलों को और उलझा देता है । इसके अलावा कुछ साक्ष्य विश्लेषण एवं परीक्षण योग्य भी शायद न निकलें ।
Q.5 . Who was Amenhotep IV ? How did he bring one of the strangest periods in the history of ancient Egypt ?
( अमेनहोटेप चतुर्थ कौन था ? मिस्त्र के इतिहास में वह सबसे विचित्र दौर कैसे लेकर आया ? )
Ans . Amenhotep IV was the successor of Amenhotep III – Tut's father or grandfather - a powerful pharaoh who ruled for almost four decades at the height of the eighteenth dynasty's golden age . Then Amenhotep IV initiated one of the strangest periods in the history of ancient Egypt . This pharaoh promoted the worship of the Aten , the sun disk and changed his name to Akhenaten , or servant of the Aten ' and moved the religious capital from the old city of The besow the new city of Akhetaten , known now as Amarna . He further shocked the country by attacking Amun , a major God , mashing his images and closing his temples . Thus , the family that had ruled for centuries was coming to an end , and then Akhenaten went a little , wacky and brought one of the strangest period in the history of ancient Egypt .
( एमेनहोटेप चतुर्थ एमेनहोटेप तृतीय का उत्तराधिकारी था – टुट का पिताया दादा - एक शक्तिशाली राजा था जिसने अठारहवीं वंशावली के स्वर्णयुग के चरम पर लगभग 40 वर्ष शासन किया । फिर एमेनहोटेप चतुर्थ प्राचीन मिस्त्र के इतिहास में सबसे विचित्र युब लेकर आया । इस फराहो ने ऐटन , सूर्यचक्र की पूजा हो प्रोन्नत किया और अपना नाम अखिनेतन , या एटेन का सेवक बदल दिया और धार्मिक राजधानी पुराने नगर थीब्स से नए नगर अखिनेतन में ले गया , जिसको अमरना के नाम से जाना जाता है । उसने एक प्रमुख देवता एमन पर आक्रमण करके देश को चौंका दिया , उसने उसकी प्रतिमाओं को तोड़ा और उसके मन्दिरों को बन्द करवा दिया । इस प्रकार , वह परिवार जिसने शताब्दियों तक शासन किया , अन्त की ओर बढ़ चला था और तब अखिनेतन थोड़ा पागल / सनकी होकर रह गया था और प्राचीन मिस्त्र के इतिहास में एक सबसे विचित्र समय लेकर आया । )
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