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Adventure (Long and Short Answer type Questions)

 Short Answer Type Questions 

Q.1 . Who was Professor Gaitonde ? What was his plan in Bombay ? 

प्रोफेसर गायतोन्डे कौन था ? बम्बई ( अब मुम्बई ) में उसकी क्या योजना थी ? 

Ans . Professor Gaitonde or Gangadhar Pant was a historian he had written several books on history . He was on high way to Bombay . He made a plan to go to a big library . He would browse through history books there . Then he would try to find out how the present state of affairs was reached . 

प्रोफेसर गायतोन्डे या गंगाधर पन्त एक इतिहासकार था । उसने इतिहास पर कई किताबें लिखी थी । वह बम्बई के रास्ते में था । उसने एक बड़ी लाइब्रेरी ( पुस्तकालय ) जाने की योजना बनायी । वहाँ वह इतिहास की किताबों को सरसरी तौर पर देखेगा ( पढ़ेगा ) । वह यह जानने का प्रयास करेगा कि वर्तमान दशा तक कैसे पहुँचा गया ।

Q.2 . What did the professor Gaitonde do in the Town Hall Library ? 

प्रोफेसर गायतोन्डे ने टाउन हॉल लाइनेरी में क्या किया ? 

Ans . According to his plan Gaitonde reached the Town Hall library in Bombay . He took the history books he himself had written . While he was reading the fifth volume of history , he found a change . The page in the book described the battle of Panipat . It mentioned that Marathas defeated Abdali . He was pushed to Kabul by Maratha Army .

 अपनी योजना के अनुसार गायतोन्डे बम्बई में टाउन हॉल लाइब्रेरी पहुंचा । उसने अपनी लिखी हुई इतिहास की किताबे ली । इतिहास के पाँचवें खण्ड को पढ़ते हुए उसे परिवर्तन मिला । इस पृष्ठ पर पानीपत के युद्ध का वर्णन था । इसमें मराठों ने अब्दाली को हरा दिया था । वह मराठा सेना के द्वारा वापस कावुल खदेड़ दिया गया था । 

Q.3 . What did professor wish to find out in history books ? 

प्रोफेसर ने इतिहास की किताबों से क्या खोजने की इच्छा की ?

 Ans . He wanted to know how the Marathas won the battle of Panipat . He looked for the accounts of the battle itself . He came across a book titled " Bhausahebanchi Bakhar It described Vishwas Rao had a narrow escape from being killed by a bullet . This boosted the morale of Maratha Army and they won .

 वह जानना चाहता था कि मराठे पानीपत का युद्ध कैसे जीते । उसने युद्ध के विवरणों को तलाशा । उसे ' भाऊसाहेबांची बाखर ' नामक एक किताब मिली । इसमें वर्णन था कि किस प्रकार विश्वास राव बन्दूक की एक गोली से मरते - मरते बचा था । इससे मराठा सेना का हौसला बढ़ गया और वे जीत गये । 

Q.4 . What two things did the professor put into his pokcets at the Town Hall Library ? 

गोफेसर ने टाउन हॉल लाइब्रेरी में अपने जेब में कौन - सी दो वस्तुएँ डाली थी ? 

Ans . He put some notes into his right pocket and the book , the ' Bakhar ' into his left pocket 

उसने अपनी दाहिनी जेब में कुछ कागज और बाखर नामक किताब अपनी बाई जेब में डाली थी ।

 Q.5 . What happened with the professor when he reached Azad Maidan ?

 प्रोफेसर के साथ क्या घटना घटी जब वह आजाद मैदान   पहुँचा ? 

Ans . A lecture was in progress when the professor reached Azad Maidan . He found the presidential chair vacant . He occupied it swiftly . The audience asked him to vacate the chair and leave the stage . But when the professor began to address the audience . They ( audience ) began to felt him with tomatoes , eggs and other objects . They removed him from the stage . It was professor's bitter experience .

 जब प्रोफेसर आजाद मैदान पहुंचा तो वहाँ भाषण चल रहा था । उसने अध्यक्ष की कुर्सी खाली देखी । वह तेजी से इस पर बैठ गया । श्रोताओं ने उसे कुर्सी खाली करने और मंच से चले जाने को कहा । लेकिन जैसे ही प्रोफेसर ने श्रोताओं को सम्बोधित करना शुरू किया , उन्होंने ( श्रोताओं ने ) उस पर टमाटरों , अण्डों तथा अन्य वस्तुओं की बौछार कर दी । उन्होंने उसे मंच से हटा दिया । यह प्रोफेसर का कड़वा अनुभव रहा ।

 Q.6 . Why did Gangadhar Pant decide to cancel his thousandth address ? 

गंगाधर पन्त ने अपने एक हजारवे सम्बोधन को रद्द करने का निश्चय क्यों किया ?

 Ans , Gangadhar Pant informed the organisers of the Panipat seminar that he will not be able to reach seminar to preside it . The reason was his bitter experience at the Azad Maidan meeting . He was insulted there . He became the target for a shower of tomatoes , eggs and other objects .

गंगाधर पन्त के पानीपत मेमिनार का आयोजना को मंचित किया कि यह सेमिनार की अध्यक्षता के लिये नहीं पहुँच पायेगा । इसका कारण आजाद मैदान सभा का कड़वा अनुभव था । वहाँ वह अपमानित हुआ था । वह टमाटरी , अण्डा तथा अन्य वस्तुओं की बौछार का लक्ष्य बना था । 

0.7 . What was Gangadhar Pant thinking at the time of accident ? 

दुर्घटना के समय गंगाधर पन्त यया सोच रहा था ? 

Ans . At the time of accident with truck Ganngadhar Pant was thinking about the Battle of Panipat . He was wondering what course history would have taken if the result of the battle had gone the other way that is Marathas had defeated Abdali . 

ट्रक से दुर्घटना के समय गंगाधर पन्त पानीपत के युद्ध के बारे में सोच रहा था । वह आश्चर्य कर रहा था कि इतिहास ने कौन सा मार्ग अपना लिया होता यदि युद्ध का परिणाम दूसरी ओर गया होता अर्थात् मराठे अब्दाली को हरा देते ।

 Q.8 . How does Rajendra Deshpande try to rationalize the experience of Gangadhar Pant about his transition to another world and back ? 

राजेन्द्र देशपाण्डे गंगाधर पन्त के एक संसार से दूसरे में स्थिति परिवर्तन व वापसी को कैसे तर्कसंगत करने का प्रयास करता   है ? 

Ans . He tries to rationalize it on the basis of two scientific theories that where in current then. One was the catastrophe theory the other was lack of determinism in quantum theory .

 वह इसे तब प्रचलित दो वैज्ञानिक सिद्धान्तों के आधार पर तर्कसंगत करने का प्रयास करता है । एक था विपत्ति सिद्धान्त तथा दूसरा क्वान्टम थ्योरी में निश्चितता का अभाव । 

Thinking about language

 Q.1 . In which language do you think Gangadhar Pant and Khan Sahib talked to ench other ? Which language did Gangadhar Pant use to talk to English receptionist ?

 आपके अनुसार गंगाधर पन्त और खान साहिब ने एक - दूसरे से किस भाषा में बातचीत की ? अंग्रेजी स्वागतकर्ता से बातचीत करने के लिए गगाधर पन्त ने किस भाषा का प्रयोग किया ?

 Ans . Gangadhar Pant and Khan Sahib might have talked to each other in Hindi ( Indian language ) as both of them discussed on various points and fluently they were speaking . They both had the good command over the language.

 गंगाधर पंत और खान साहिब ने एक - दूसरे से हिन्दी ( भारतीय भाषा ) में बात की होगी क्योंकि उन दोनों ने ही विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी और वे धाराप्रवाह बोल रहे थे । उन दोनों की ही भाषा पर अच्छी पकड़ थी । गंगाधर पंत ने अंग्रेज स्वागतकर्ता से बात करने के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया ।

 Q.2 . In which language do you think Bhausahebanchi Bakhar was written ? 

आपके विचार से भाऊसाहेबांची बक्खर किस भाषा में लिखा गया   था ? 

Ans . ' Bhausahebanchi Bakhar ' was written in the Marathi language . Gnagadhar Pant showed the torn page to Rajendra Deshpande in which the words were found in Marathi language as it was a form of historical narrative . 

' भाऊसाहेबांची बाखर ' मराठी भाषा में लिखा हुआ था । गंगाधर पंत ने फटा हुआ पृष्ठ राजेन्द्र देशपाण्डे को दिखाया जिसमें शब्द मराठी भाषा के थे क्योंकि वह एक ऐतिहासिक वर्णन था ।

 Q.3 . There is mention of three communities in the story : The Marathas , the Mughals , the Anglo - Indians . Which language do you think they used within their communities and while speaking to the other groups .

कहानी में तीन समुदायों को दर्शाया गया है - मराठा , मुगल और ऐंग्लोइंडियन । आपके अनुसार वे अपने समुदाय के बीच और अन्य समुदायों से बातचीत के दौरान किस भाषा का प्रयोग करते रहे होगे ? 

Ans . The three communities the Marathas , the Mughals and the Ango - Indians used their native language to speak with their own community . The Marathas asked Marathi , the Mughals - Urdu and the Anglo - Indians spoke English . But to communicate with other communities , they would have used translators who used to convey the meaning of one to other in his native language .

 तीनों समुदाय मराठा , मुगल और एंग्लो - भारतीय अपने समुदाय से बात करने के लिए अपनी मूल मातृभाषा का प्रयोग करते थे । मराठा मराठी भाषा को , मुगल उर्दू को तथा आंग्ल - भारतीय अंग्रेजी का प्रयोग करते थे । परन्तु दूसरे समुदायों से बातचीत करने के लिए वे अनुवादकों का प्रयोग करते रहे होंगे जो किसी एक की बात का अर्थ दूसरे को उसकी मूल भाषा में बताते थे । 

Q.4 . Do you think that the ruled always adopt the language of the ruler ? 

क्या आप मानते हैं कि शासित व्यक्ति सदैव शासन करने वालों की भाषा को अपना लेते हैं ?

 Ans . No , the ruled always do not adopt the language of the ruler . As the ruler's language is mostly in a different and strange script as understood by the ruled and to adopt rulers language also bits their patriotism and ego . 

नहीं , शासित किए जाने वाले सदैव शासन करने वाले की भाषा को स्वीकार नहीं करते हैं । जैसा कि शासक की भाषा अधिकतर एक भिन्न तथा विचित्र लिपि में होती है ऐसा शाषितों द्वारा समझा ( माना ) जाता है और शासक की भाषा को स्वीकार करना उनके अहंकार और देशभक्ति को भी चोट पहुंचाता है ।

Long Answer Type Questions

Q.1 . Discuss the following statements in groups of two pairs , each pair in a group taking opposite points of view .

 दो के जोड़े के समूह में निम्नलिखित कथनों पर चर्चा करें , समूह में प्रत्येक जोड़ी विपरीत दृष्टिकोण ले । 

( i ) A single event may change the course of the history of a nation .

 एक अकेली घटना ही एक राष्ट्र के इतिहास के मार्ग को परिवर्तित कर सकती है ।

 Ans . In favour : A single event may change the course of the history of a nation . The battle of Panipat is the best example of it . In this battle , Marathas were defeated by Ahmed Shah Abdali . This event turned history of  India . Gradually , the country was overtaken by the foreign forces . If this event had not taken place . The course of history of India would have been another one .

 Against : It is a matter of perspective only . Catastrophic theory reveals that there may be alternative outcomes of a single events . We cannot proclaim it that any one course of event is the reality . Due to catastrophic event battle of Panipat is revealed in a different version to Gangadharpant . According to this version the Marathas had defeated Ahmed Shah Abdali and India was never enslaved by any foreign forces . .

 पक्ष में : एक अकेली घटना ही एक राष्ट्र के इतिहास के मार्ग को परिवर्तित ( बदल ) कर सकती है । पानीपत का युद्ध इसका सबसे अच्छा उदाहरण है । इस युद्ध में , मराठे अहमद शाह अब्दाली से हार ( पराजित हो ) गये थे । इस घटना ने भारत के इतिहास को मोड़ दिया । धीरे - धीरे देश विदेशी ताकतों के हाथ में आ गया । यदि यह घटना घटित न हुई होती तो भारत के इतिहास की दूसरी ही तस्वीर होती । 

विपक्ष में : यह तो केवल दृष्टिकोण का विषय है । विपत्ति सिद्धान्त बताता है कि एक घटना के वैकल्पिक परिणाम भी हो सकते हैं । हम यह प्रमाणित नहीं कर सकते कि घटना का एक पहलू ही वास्तविकता है । विपत्तिकारक घटना के कारण गंगाधर पन्त से सामने पानीपत के युद्ध का अलग ही रूप ( वर्णन ) प्रकट हुआ । इस वर्णन के अनुसार मराठों ने अहमद शाह अब्दाली को हरा दिया और भारत कभी भी विदेशी ताकतों का गुलाम नहीं बना था । 

 ( ii ) Reality is what is directly experienced through the senses . 

वास्तविकता वह ही है जिसे ज्ञान इन्द्रियों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से      ( सीधे - सीधे ) अनुभव किया जा सके ।

Ans . In favour : The world is experienced through the senses . This experience got from the senses is the source of knowledge . This experience is reality . Now other reality exists which is not revealed through the senses . .

 Against : Reality is always not what is directly experienced through the senses . We can take the example of protons , neutrons and electrons . We cannot experience these entities . We cannot even predict their behaviour accurately , . We can predict the position of a bullet fired in a particular direction from a gun but we cannot predict the position of an electron emmited from a source . Hence reality is always not what is directly experienced through the senses . . पक्ष में : संसार को ज्ञान इन्द्रियों द्वारा महसूस किया जाता है । ज्ञान इन्द्रियों से प्राप्त यह अनुभव ज्ञान का स्त्रोत होता है । यह अनुभव ही वास्तविकता है । ऐसी किसी वास्तविकता का अस्तित्व नहीं जो ज्ञान इन्द्रियों के द्वारा प्रकट न हो । विपक्ष में वास्तविकता सदैव वो नहीं है जिसे ज्ञान इन्द्रियों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से महसूस किया जाता है । हम प्रोटॉन , न्यूटॉन और इलेक्ट्रॉन का उदाहरण ले सकते हैं । हम इन तत्त्वों को महसुस नहीं कर सकते हैं । हम उनके व्यवहार अनुमान तक ठीक ठीक नहीं लगा सकते । हम बन्दुक से निकली हुई गोली की दिशा विशेष की स्थिति का अनुमान लगा सकते हैं किन्तु अपने स्रोत से निकले इलेक्ट्रॉन की स्थिति को नहीं बता सकते । इस प्रकार , वास्तविकता सदैव वो नहीं होती जिसे प्रत्यक्ष रूप से ज्ञान इन्द्रियों से महसूस किया जाता है । ( iii ) The methods of inquiry of history , science and philosophy are similar . इतिहास , विज्ञान और दर्शन की जाँच के तरीके समान होते हैं । Ans . In favour : History , Science and Philosophy are three branches of knowledge . All depend on analysis of facts . If we have to know the facts , we have adopt the research method and verify the facts and draw conclusion . Against : The methods of inquiry of history , science and philosophy are not similar . History is based on scattered facts and writings whereas philosophy is speculative . Only science as exact and throughly tested and universally accepted . 

पक्ष में : इतिहास , विज्ञान और दर्शन ज्ञान की तीन शाखाएँ हैं । सभी तथ्यों के विश्लेषण पर निर्भर करते हैं । यदि हमें तथ्यों को जानना होता है , तो हमें अनुसंधान को अपनाना या चुनना होता है , और तथ्यों को परखना होता है और निष्कर्ष निकालना होता है । 

विपक्ष में : इतिहास , विज्ञान और दर्शन की जाँच के तरीके समान नहीं होते हैं । इतिहास बिखरे हुए तथ्यों और लेखों पर आधारित होता है जबकि दर्शन अव्यवहार्य होता है । केवल विज्ञान हो सटीक व पूर्ण रूप से जाँचा हुआ और सार्वभौमिक रूप से स्वीकार्य होता है ।

 Q.2 . ( i ) The story is called ' The Adventure ' . Compare it with the adventure described in " We're Not Afraid to Die ... 

कहानी को ' जोखिम ' कहा जाता है । ' वी आर नॉट आफ्रेड टु डाय .... ' में वर्णित जोखिम से तुलना करें ।

 Ans . We find the adventure in both of the stories - ' The Advneture ' and ' We're Not Afraid to Die ... ' but these are different stories . The latter is a autobiographical story based on real life events . In it the narrator describes how he with  his  family and crew members are endangered when their ship is badly damaged by a wave . The former is a story of a professor named Gaitonde who gets injured in an accident . He travels another world in unconscious state where the history is changed . Here Gaitonde has to face a hostile behaviour by the audience . He is manhandled . To sum up . We're Not Afraid to Die in a real adventure story whereas " The Adventure is a fantasy , हम दोनों ही कहानियो- ' द एडवेचर ' और ' बी आर नॉट आफ्रेड टु डाय ' में जोखिम पाते है । किन्तु ये भिन्न भिन्न कहानियां है । बाद वाली वास्तविक घटनाओं पर आधारित एक आत्मकथात्मक कहानी है । इसमें कथावाचक वर्णन करता है कि वह अपने परिवार और चालक दल के साथ कैसे खतरों का सामना करता है जब उनका जहाज एक लहर के द्वारा बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो जाता है । पहले वाली गायतोन्डे नामक प्रोफेसर की कहानी है , जो एक दुर्घटना में घायल हो जाता है । वह बेहोशी की हालत में दूसरे ससार की यात्रा करता है । जहाँ इतिहास बदला हुआ है । यहाँ गायतोन्डे को दर्शकों के प्रतिरोधी व्यवहार का सामना करना पड़ता है । उसके साथ हाथापाई होती है । संक्षेप में , ' वी आर नॉट आफ्रेड टु डाय ' एक वास्तविक जोखिम वाली कहानी है जबकि ' द एडवेन्चर ' काल्पनिक है ।

 ( ii ) Why do you think Professor Gaitonde decided never to preside over meetings       again ? 

आप क्यों समझते हैं कि प्रोफेसर गायतोन्डे ने सभाओ में कभी अध्यक्षता न करने का निश्चय किया ? 

Ans . Professor Gaitonde had a bitter experience in Azad Maidan during his imaginative visit to the other world . A lecture on the outcomes of the battle of Panipat was to be going on . He saw the presidential chair vacant on the stage He considered it a profanation . He went to the stage and protested against this and tried to correct it . The audience did not want to listen to him . They wanted to listen to speaker only not to president . He is manhandled . This harrowing experience caused him to decide never to preside over meetings again

 दूसरे संसार की काल्पनिक यात्रा के दौरान प्रोफेसर गायतोन्डे को आजाद मैदान में एक कड़वा अनुभव हुआ । पानीपत के युद्ध के परिणामों पर भाषण होने वाला था । उसने देखा मंच पर अध्यक्ष की कुर्सी खाली थी । उसे यह एक अपवित्र कार्य लगा । वह मच पर गया और इसका विरोध किया और इसे सही करने का प्रयास किया । श्रोतागण उसे सुनना नहीं चाहते थे । वे अध्यक्ष को नहीं केवल वक्ता को सुनना चाहते थे । उसके साथ हाथापाई की गयी । इस पीड़ादायक अनुभव के कारण ही उसने सभाओं में कभी अध्यक्षता न करने का निश्चय किया ।

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