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Silk Road (Long and Short Answer Type Question)

 Short Answer Type Questions 

Q.1 . Why did the author and Tsetan choose short - cut ? 

लेखक और सेतन ने छोटा मार्ग क्यों चुना ? 

Ans . They chose short - cut to get off the Changtang because that route would lead them south - west , almost directly towards Mount Kailash . 

उन्होंने चैगटांग से प्रस्थान करने के लिये एक छोटा मार्ग चुना क्योंकि यह मार्ग उन्हें दक्षिण - पश्चिम दिशा में ले जाकर लगभग सीधा कैलाश पर्वत तक ले जाता ।

 Q.2 . Who was Lhama in ' Silk Road ' ?

 ' सिल्क रोड ' में ल्हामो कौन थी ?

 Ans . Lhamo was a native girl of Ravu . She belonged to the family with whom the author stayed for a few days . She developed friendship with the authors . She gifted the author of longsleeved sheepskin coat . 

लाहामो रावू की रहने वाली एक लड़की थी । लेखक उसके परिवार के साथ कुछ दिन ठहरा था । उसकी लेखक के साथ मित्रता हो गयी । उसने लेखक को लम्बी आस्तीन वाला भेड़ की खाल से बना कोट भेंट किया था । 

Q.3 . What sight the author notice in the rocky wilderness ? 

लेखक ने चट्टानी वीरान जंगल में किस प्रकार का दृश्य देखा ? 

Ans . The author noticed that shepherds were tending their flocks . These well - wrapped   men , or women would pause and stare authors car . They sometimes waved . When the path close to their animals . They                     ( animals ) would change direction .. 

लेखक ने देखा कि गड़रिये अपनी भेड़ों के झुण्डों की देखभाल कर रहे थे । ये अच्छी तरह से कपड़ों में लिपटे पुरुष या स्त्रियाँ रूक जाते और लेखक की कार को टकटकी लगाकर देखने लगते । कभी - कभी वे हवा में हाथ लहराते । जब रास्ता लेखक की कार को उनके जानवरों के पास ले जाता वे अपना रास्ता बदल लेते । 

Q.4 . Who was Daniel in the lesson                    Silk Road ' ?. 

' सिल्क रोड ' पाठ में डेनियल कौन था ?

 Ans . Daniel was the translator who the author had hired . He knew English as well as Tibetan language . He helped the author to communicate with local Tibetans . He accompanied the author up to the town of Hor 

. डेनियल एक अनुवादक था जिसे लेखक ने किराये पर लिया था । वह अंग्रेजी के साथ ही साथ तिब्बती भाषा भी जानता था । उसने लेखक की स्थानीय तिब्बती लोगों से बात - चीत करने में सहायता की । वह होर तक ही लेखक के साथ रहा ।

Q.5 . How did the car in which the author travelling purturb him ?

 जिस कार में लेखक यात्रा कर रहा था उसने लेखक को कैसे बेचैन किया ?

 Ans . The author hired a taxi to travel upto Darchen from the hills of Ravu . On one place Tsetan , the driver had to unscrew the top of the car . The car began to emit a loud hiss . It purturbed the author . 

लेखक ने रावू की पहाड़ियों से डार्चन तक के लिये टैक्सी किराये पर ली । एक स्थान पर , ड्राइवर सेतन को कार का ऊपरी हिस्सा थोड़ा खोलना पड़ा । कार ने एक कर्कश आवाज निकालनी शुरू कर दी । इससे लेखक बेचैन हो गया ।

 Q.6 . How does the author narrate his experiences at the Darchen Medical College ? 

लेखक डार्चन मेडिकल कॉलिज के अपने अनुभव को कैसे वर्णित करता है ? 

Ans . Both the building of the medical college and the doctor did not make good impression on the author at first sight . The building looked like monastery and the doctor local Tibetan . The doctor felt the pulse of the author . He diagnosed that the author had a cold and the effects of high altitude . The author recovered after taking a five day course of Tibetan medicines . 

मेडिकल कॉलिज की इमारत और डाक्टर दोनों ने ही पहली नजर में लेखक पर अच्छा प्रभाव नहीं डाला । इमारत मठ और डॉक्टर स्थानीय तिब्बती से लग रहे थे । डाक्टर ने लेखक की नाड़ी देखी रोग का निदान बताया कि लेखक को ठण्ड लगी थी और अधिक ऊँचाई का प्रभाव था । पाँच दिन का तिब्बती दवाई का कोर्स लेकर लेखक ठीक हो गया । 

Q.7 . What options did the author have after Tsetan left him ? 

सेतन के उसे छोड़कर जाने के बाद लेखक के पास क्या विकल्प.  थे ? 

Ans . Except waiting for other pilgrims , the author had no option . He did not want to go alone . The route was likely to blockage by the snow . He had not any translator who could answer his general questions in English . 

दूसरे तीर्थयात्रियों की प्रतीक्षा करने के सिवाय लेखक के पास कोई चारा नहीं था । वह अकेला नहीं जाना चाहता था । मार्ग के बर्फबारी से बन्द होने की सम्भावना थी । उसके पास कोई साधारण प्रश्नों का अंग्रेजी में उत्तर देने वाला भी कोई अनुवाद भी नहीं किया । 

Q.8 . Give a brief character sketch of Norbu .  

नोर्बू संक्षेप में चरित्र चित्रण करो । 

Ans . Norbu is a Tibetan but he works at the Chinese Academy of Social Sciences . He can speak English . He knows the importance of Kailash Kora . He is not religious . He comes across the author at only cafe in Darchen . Both of them decide to do Kora . Norbu is practical . He suggests hiring yaks to carry the luggage . He is jocular . 

नोर्बू एक तिब्बती है किन्तु वह चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी में कार्य करता है । वह अंग्रेजी बोल सकता है । उसे कैलाश कोरा का महत्त्व पता है । वह धार्मिक नहीं है । लेखक से उसकी भेट डार्चन के इकलौते कैफे में होती है । दोनों कोरा करने का निश्चय करते हैं । नोर्बू व्यावहारिक है । वह समान ढोने के लिये याक         ( पशु ) किराये पर लेने की सलाह देता है । वह विनोद - प्रिय है ।

 Long Answer Type Questions

 Q.1 . " The sensitive behaviour or hill - folk . पहाड़ी लोगों का दिलकश ( दिल को छूने वाला ) व्यवहार । 

Ans . Hill - folk are innocent and simple . They are very sensitive to nature . They believe in simple living and high thinking . They are habitual to live country life . They are always ready to help others . They are more religious and kind in comparison to the people who live in urban areas . Tsetan is an example of such types of people . When the author fell ill he took him to Darchen Medical College whereas he had to return to Lhasa . He left the author only when he ( the author ) recovered from his illness .

 पहाड़ी लोग मासूम और साधारण होते हैं । वे प्रकृति के प्रति अत्यन्त संवेदनशील होते हैं । वे सादा जीवन उच्च विचार में विश्वास रखते हैं । वे गाँव का जीवन जीने के अभ्यस्त होते हैं । वे सदैव दूसरों की सहायता के लिये तत्पर होते हैं । वे शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की तुलना में अधिक धार्मिक और दयालु होते हैं । सेतन इस प्रकार के लोगों का एक उदाहरण है । जब लेखक बीमार पड़ गया , वह उसको डार्चन मेडिकल कॉलिज ले गया जबकि उसे ( सेतन को ) ल्हासा लौटना था । उसने ( सेतन ने ) लेखक को तब ही छोड़ा तब वह ( लेखक ) बीमारी से ठीक हो गया । 

Q.2 . The reasons why people ivillingly undergo the travails of difficult journeys ?

 कारण कि लोग स्वेच्छा से कठिन यात्रा के कष्टों से क्यों गुजरते     हैं ?

 Ans . People have been fond of undergoing the travails of difficult journeys since ages . People go on difficult journeys for various purposes . Some people want to get new experiences and explore new thing . They do not like to vegetate . They accept the challenges of difficulty in journey . Some other people like adventurous life and go on tracking and mountaineering . They believe that simply eating , drinking and living is boring . Some people undergo the travails of difficult journey for religious purposes .

 लोग युगों - युगों से कठिन यात्रा के कष्टों से गुजरने के शौकीन रहे हैं । लोग अनेक उद्देश्यों से कठिन यात्रा पर जाते हैं । कुछ लोग  नये - नये अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं और नई - नई वस्तुओं की खोज करते हैं वे एक जगह बैठना पसंद नहीं करते हैं । वे यात्रा की कठिनता को स्वीकार करते हैं । कुछ दूसरे लोग जोखिम भरा जीवन पसंद करते हैं और पैदल यात्रा और पर्वतारोहण पर जाते हैं वे मानते हैं कि केवल खाना , पीना और जीना उबाऊ होता है । कुछ लोग धार्मिक उद्देश्यों के लिये कठिन यात्रा के कष्टों से गुजरते हैं ।

 Q.3 . The accounts of exotic places in legends and the reality .

 दन्त कथाओं में विदेशी स्थानों का वर्णन और वास्तविकता ।

 Ans . The accounts of exotic places in legends and the reality may be completely different . The human tendency to exaggerate beauties of places is responsible for it . The chief aim of it is to attract foreign travellers . For example the author felt thrilled to read the accounts of the first encounters of earlier travellers with Lake Mansarovar . A Japanese monk arrived there in 1900. Seeing the lake , he burst into tears . Perhaps , the religious zeal made him do so . Some years later , a Swede visited the holy water . The sanctity of lake water was same but he did not weep . The reality was altogether different . 

' दन्त कथाओं में विदेशी स्थानों का वर्णन और वास्तविकता पूर्ण रूप से भिन्न हो सकती है । स्थानों की सुन्दरता को बढ़ा - चढ़ा कर प्रस्तुत करने की मानव प्रवृत्ति इसके लिये उत्तरदायी हैं । इसका मुख्य उद्देश्य विदेशी यात्रियों को आकर्षित करना होता है । उदाहरण के रूप में पहले वाले यात्रियों के मानसरोवर झील के प्रथम दर्शन के विवरणों को पढ़कर लेखक ने रोमांच अनुभव किया । एक जापानी भिक्षु वहाँ 1900 में पहुंचा था । झील को देखकर वह रो पड़ा । शायद उसके धार्मिक उत्साह के कारण ऐसा हुआ । कुछ वर्षों बाद एक स्वीडन निवासी ने पवित्र जल का भ्रमण किया । जल की पवित्रता वैसी ही थी किन्तु वह नहीं रोया । वास्तविकता बिल्कुल भिन्न थी ।

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