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इकाई-1 ब्यष्टि अर्थशास्त्र का परिचय,बहुविकल्पीय, अतिलघुत्तरीय प्रश्न,लघुत्तरीय प्रश्न, दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

               बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

 नोट- निम्नलिखित में से सही विकल्प का चयन कीजिए 

प्रश्न 1. अर्थशास्त्र के जनक कौन थे— 

( a ) जे ० बी ० से ( b ) एडम स्मिथ .( c) माल्थस ( d ) रिकार्डो ।

उत्तर- ( b ) एडम स्मिथ 

प्रश्न.2. एक वस्तु की मानवीय आवश्यकता को सन्तुष्ट करने की क्षमता को क्या कहते हैं-

 ( a ) उपयोगिता  ( b ) उपभोग      (c)उत्पादन       ( d ) कीमत

उत्तर- ( a ) उपयोगिता

प्रश्न.3किसी वस्तु की वह मात्रा जिसे एक उपभोक्ता दी हुई कीमत पर क्रय करता है उसे .........कहते हैं।

( a ) खरीदने की इच्छा ( b) वस्तु की मात्रा ( c ) वस्तु की पूर्ति         ( d) वस्तु की माँग  ।

उत्तर-वस्तु की माँग  ।

प्रश्न 4. एक वक्र , जिस पर सभी बिन्दु ( संयोग ) उपभोक्ता को समान सन्तुष्टि प्रदान करते हैं , उसे क्या कहते हैं

 उत्तर-( a ) अनधिमान वक्र :                 ( c ) कीमत रेखा ।।                     ( b ) माँग वक्र                          ( d ) उत्पादन रेखा

उत्तर--( a ) अनधिमान वक्र

प्रश्न 5. सामान्यतः एक अनधिमान / तटस्थता वक्र -

 ( a ) बाएँ से दाएँ ऊपर को उठता है । 

( b ) Y- अक्ष के समान्तर होता है

 ( c ) मूल बिन्दु के प्रति उत्तल होता है

 ( d ) मूल बिन्दु के प्रति अवतल होता है । 

उत्तर-( c ) मूल बिन्दु के प्रति उत्तल होता है

प्रश्न 6. एक बाजार उस समय सन्तुलन की अवस्था में होता है , जब वस्तु की माँग-

 ( a ) वस्तु की आपूर्ति से कम होती है ।

 ( b ) वस्तु की आपूर्ति से अधिक होती है 

( c ) वस्तु की आपूर्ति के बराबर होती है 

( d ) वस्तु की आपूर्ति से असम्बद्ध होती है ।

उत्तर- ( c ) वस्तु की आपूर्ति के बराबर होती है 

प्रश्न 7. विलासिता की वस्तुओं की माँग की कीमत लोच होती ह

( a) इकाई से कम ( b ) अनन्त | ( c ) इकाई से अधिक ( d ) शून्य

उत्तर-( c ) इकाई से अधिक

प्रश्न 8. भारत में पायी जाती है -

 (a ) समाजवादी अर्थव्यवस्था।                     ( b) साम्यवादी।          (c) मिश्रित अर्थव्यवस्था             ( d ) पूँजीवादी अर्थव्यवस्था ।

उत्तर- (c) मिश्रित अर्थव्यवस्था

प्रश्न 9. उत्पादन सम्भावना वक्र—

 ( a ) X अक्ष की ओर नतोदर होता है

 ( b ) X- अक्ष की ओर उन्नतोदर होता है । 

( c ) X- अक्ष के समान्तर होता है

 ( d ) X- अक्ष के लम्बवत् होता है । 

उत्तर-( a ) X अक्ष की ओर नतोदर होता है 

प्रश्न 10. अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्या है 

( a ) क्या उत्पादन हो।                      ( b ) कैसे उत्पादन हो।           ( c ) उत्पादित वस्तु का वितरण कैसे हो        ( d ) ये सभी । 

उत्तर- ( d ) ये सभी

प्रश्न 11. निम्न में से किस स्तम्भ पर आर्थिक समस्याओं का ढाँचा खड़ा है—

 ( a ) असीमित आवश्यकताएँ                   ( b ) सीमित साधन         ( c )  ( a ) व ( b ) दोनों।                      ( d ) इनमें से कोई नहीं । 

उत्तर-( c )  ( a ) व ( b ) दोनों।  

प्रश्न 12. व्यष्टि अर्थशास्त्र के अन्तर्गत निम्न में से किसका अध्ययन किया जाता है --

 ( a ) व्यक्तिगत इकाई                       ( b) राष्ट्रीय आय                 ( c ) आर्थिक समग्र                         ( d ) इनमें से कोई नहीं । 

उत्तर- ( a ) व्यक्तिगत इकाई

प्रश्न 13. व्यष्टि अर्थशास्त्र में सम्मिलित होती है / हैं

 ( a ) व्यक्तिगत इकाई।                             ( b ) छोटे - छोटे चर      ( c ) व्यक्तिगत मूल्य निर्धारण।।                     ( d ) ये सभी ।

उत्तर-  ( d ) ये सभी ।

 प्रश्न 14. आर्थिक क्रियाओं के अध्ययन के सन्दर्भ में अर्थशास्त्र को दो शाखाओं - व्यष्टि तथा समष्टि में किसने विभाजित किया 

( a ) मार्शल    ( c ) रैगनर फ्रिश    ( b ) कीन्स।    ( d ) रॉबिन्स | 

उत्तर- ( c ) रैगनर फ्रिश

प्रश्न.15.केंद्रीय नियोजित अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक क्रियाओं पर किसका नियंत्रण होता है ? 

( a ) उद्योगपतियों का                      (b)निजी फर्मों का                   ( c ) सरकार का                            (d)उपभोक्ताओं का

उत्तर – ( c ) सरकार का 

प्रश्न-16-सरकार निर्णय निर्माण प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करती

 ( a ) बाजार अर्थव्यवस्था में               ( b ) मिश्रित अर्थव्यवस्था  में ( b ) केन्द्रीय नियोजित अर्थव्यवस्था में।    ( d ) उपर्युक्त सभी में

 उत्तर- ( a ) बाजार अर्थव्यवस्था में 

 प्रश्न-17 व्यष्टि आर्थिक चर का उदाहरण है 

( a ) थोक कीमत सूचकांक ( c ) बाजार माँग  ( b ) राष्ट्रीय आय      ( d ) समग्र माँग 

उत्तर – ( c ) बाज़ार माँग 

प्रश्न-18.बेरोजगारी से संबंधित मुद्दों का अध्ययन किया जाता है 

( a ) व्यष्टि स्तर पर ( b ) समष्टि स्तर पर ( c ) व्यष्टि के साथ - साथ समष्टि स्तर पर ( d ) इनमें से कोई नहीं

 उत्तर – ( b ) समष्टि स्तर पर

प्रश्न.19. वह कथन जो कोई सुझाव नहीं देता , उसे कहा जाता है - 

( a ) वास्तविक कथन।              ( b ) आदर्शात्मक कथन  नहीं         ( c ) ( a ) तथा ( b ) दोनों।           ( d ) इनमें से कोई

 उत्तर – ( a ) वास्तविक कथन 

प्रश्न-20.आदर्शात्मक अर्थशास्त्र संबंधित है-

 ( a ) तथ्यों से                ( b ) विचारों से                                      ( c ) ( a ) तथा ( b ) दोनों             ( d ) इनमें से कोई नहीं

.प्रश्न.21 . आर्थिक समस्या के उत्पन्न होने का कारण है कि-

 ( a ) संसाधन दुर्लभ हैं ( b ) मानवीय आवश्यकताएँ असीमित हैं      ( c ) संसाधनों के वैकल्पिक प्रयोग होते हैं ( d ) उपरोक्त सभी

 उत्तर – ( d ) उपरोक्त सभी

प्रश्न-22.संसाधनों की मुख्य विशेषता है-

 ( a ) हमारी आवश्यकताओं की तुलना में वे दुर्लभ हैं

 ( b ) उनके वैकल्पिक प्रयोग हैं ।।                                              

   ( c ) ( a ) तथा ( b ) दोनों।         

( d ) इनमें से कोई नहीं

 उत्तर – ( c ) ( a ) तथा ( b ) दोनों 

प्रश्न.23. मानवीय आवश्यकताओं के संतुष्ट करने के लिए संसाधन-

 ( a ) सीमित होते हैं .                               ( b ) असीमित होते हैं   ( c ) शून्य कीमत पर उपलब्ध होते हैं।       ( d ) इनमें से कोई नहीं

 उत्तर – ( a ) सीमित होते हैं 

 प्रश्न.24.  जब MRT स्थिर है तथा एक के बराबर है तो PPC होगा-

 ( a ) नीचे की ओर ढलान वाला एक उन्नतोदर व 

( b ) एक क्षैतिज सीधी रेखा

 ( c ) मूल बिंदु से समान दूरी पर X- अक्ष तथा Y- अक्ष दोनों को काटता हुआ , नीचे की ओर ढलान वाला एक सीधी रेखा

 ( d ) नीचे की ओर ढलान वाला एक नतोदार व 

उत्तर- ( c ) मूल बिंदु से समान दूरी पर X- अक्ष तथा Y- अक्ष दोनों को काटता हुआ , नीचे की ओर ढलान वाला एक सीधी रेखा 

प्रश्न.25. रूपांतरण वक्र का आकार परिवर्तित होता है-

 ( a ) अवसर लागत के कारण।         ( b ) कुल लागत के कारण।       ( c ) सीमान्त अवसर लागत के कारण।    ( d ) इनमें से कोई नहीं  

उत्तर – ( c ) सीमान्त अवसर लागत के कारण 

.प्रश्न.26. जब कुछ संसाधनों का प्रयोग- 1 से प्रयोग -2 में स्थानांतरण किया जाता है ( तकनीक के दिए होने पर ) , तब रूपांतरण की सीमांत दर

 ( a ) बढ़ती है                                        ( c ) स्थिर रहती है ।      ( b ) घटती है।                                       ( d ) शून्य होती है

उत्तर- ( a ) बढ़ती है 

.प्रश्न.27. PPC एक सीधी रेखा होती है-

 ( a ) बढ़ती सीमांत अवसर लागत की स्थिति में

 ( b ) घटती सीमांत अवसर लागत की स्थिति में

( c ) स्थिर सीमांत अवसर लागत की स्थिति में

 ( d ) इनमें से कोई नहीं 

उत्तर – ( a ) बढ़ती सीमांत अवसर लागत की स्थिति में

 प्रश्न.28.  संसाधनों में वृद्धि ( संवृद्धि ) का अर्थ है उत्पादन संभावना वक्र का - 

( a ) दाईं ओर सरकना ( b ) बाईं ओर सरकना 

( c ) दाईं ओर घुमाव ( d ) इनमें से कोई नहीं

 उत्तर- ( a ) दाईं ओर सरकना दु

प्रश्न.29.लाभ साधनों के ......प्रयोग होते हैं ?

 ( a ) वैकल्पिक      ( b ) सीमित

( c ) निश्चित .             ( d ) शून्य

उत्तर – ( b ) सीमित 

प्रश्न.29. निम्नलिखित में से कौन - सा व्यष्टि अर्थशास्त्र का अंग नहीं है ? 

( a ) एक उपभोक्ता।                 ( b) एक अर्थव्यवस्था . 

(C)एक फर्म।                            (d) एक परिवार इकाई

 उत्तर- ( c ) एक अर्थव्यवस्था 

प्रश्न.30.. निम्नलिखित में से असंगत है 

( a ) चाय और कॉफी    (b) चावल दाल

( c ) टायर तथा ट्यूब     (d) पेन तथा रिफिल

उत्तर – ( a ) चाय और कॉफी 

प्रश्न.31.. निम्नलिखित में कौन - सा व्यष्टि अर्थशास्त्र की बिषय वस्तु नहीं है

( ( a ) एक व्यापारी द्वारा गेहूँ की कीमत का निर्धारण

 ( b ) देश में कीमत स्तर का उतार - चढ़ाव

 ( c ) किसी एक फर्म में उत्पादन की मात्रा

( d ) एक उपभोक्ता का सन्तुलन

उत्तर – ( b ) देश में कीमत स्तर का उतार - चढ़ाव 

    अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न

 1. अनधिमान / तटस्थता वक्र क्या है ?

उत्तर : अनधिमान ( उदासीनता ) वक्र मात्राओं के उन संयोगों को प्रदर्शित करने वाले बिन्दुओं का पथ होता है जिनके प्रति उपभोक्ता उदासीन रहता है । 

प्रश्न 2. प्रतिस्थापन की सीमान्त दर क्या होती है ?

उत्तर : प्रतिस्थापन की सीमान्त दर वह दर है जिस पर एक उपभोक्ता वस्तु -1 के स्थान पर वस्तु 2 का प्रतिस्थापन करता है और उसके प्रति उदासीन रहता है ।

 प्रश्न 3. ' दुर्लभता ' से सम्बन्धित अर्थशास्त्र की परिभाषा दीजिए ।

 उत्तर : प्रो ० रॉबिन्स के अनुसार , “ अर्थशास्त्र वह विज्ञान है जिसमें साध्यों तथा सीमितता और अनेक उपयोग वाले साधनों से सम्बन्धित मानव व्यवहार का अध्ययन किया जाता है । " 

प्रश्न 4. आर्थिक क्रियाओं का अर्थ लिखिए ।

 उत्तर : वे सभी क्रियाएँ जो धन प्राप्त करने के लिए की जाती   हैं , आर्थिक क्रियाएँ कहलाती हैं । 

प्रश्न 5. चयन की समस्या क्या हैं ?

 उत्तर : मनुष्य की आवश्यकताएँ अनन्त हैं किन्तु उनकी पूर्ति के लिए उसके पास साधन सीमित हैं जिनके वैकल्पिक प्रयोग सम्भव हैं । इन साधनों से किस आवश्यकता को पहले सन्तुष्ट किया जाए और किसे बाद में , यही चयन की समस्या है । 

प्रश्न 6. मध्यवर्ती वस्तुएँ क्या हैं ?  

उत्तर : वे वस्तुएँ जिनका उपयोग किन्हीं अन्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए किया जाता है , मध्यवर्ती वस्तुएँ कहलाती हैं । 

प्रश्न 7. व्यष्टि अर्थशास्त्र में क्या अध्ययन किया जाता है ? 

उत्तर : व्यष्टि अर्थशास्त्र में अर्थव्यवस्था की विशिष्ट आर्थिक इकाइयों का अध्ययन किया जाता है ; जैसे- किसी वस्तु अथवा साधन का मूल्य निर्धारण । -

प्रश्न 8. समष्टि अर्थशास्त्र को परिभाषित कीजिए ।

 उत्तर : समष्टि अर्थशास्त्र आर्थिक विश्लेषण की वह शाखा है जो सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था अथवा इकाइयों के समूह ( जैसे- कुल आय , कुल व्यय , कुल बचत , कुल विनियोग आदि ) का अध्ययन करती    है ।

 प्रश्न 9. आर्थिक समस्या उत्पन्न होने के प्रमुख कारण क्या हैं ? 

उत्तर : आर्थिक समस्या उत्पन्न होने के तीन प्रमुख कारण हैं-             ( 1 ) मनुष्य की आवश्यकताएँ असीमित हैं ,                                  ( 2 ) इन आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करने के लिए मनुष्य के पास सीमित मात्रा में ही साधन उपलब्ध हैं तथा                                     ( 3 ) इन साधनों का वैकल्पिक उपयोग सम्भव है । 

प्रश्न 10. साधनों के वैकल्पिक प्रयोग से क्या अभिप्राय है ? 

उत्तर : साधनों के वैकल्पिक प्रयोग से अभिप्राय यह है कि साधनों का प्रयोग अनेक साध्यों अथवा उनमें से कुछ महत्त्वपूर्ण साध्यों की उपलब्धि के लिए किया जा सकता है । उदाहरण के लिए हम ₹ 100 का उपयोग उत्तर पुस्तिका खरीदने अथवा सिनेमा देखने अथवा चाट खाने में कर सकते हैं ।

 प्रश्न 11. अर्थव्यवस्था की प्रमुख केन्द्रीय समस्याएँ क्या हैं ? 

उत्तर : अर्थव्यवस्था की प्रमुख केन्द्रीय समस्याएँ हैं-                          ( 1 ) किन वस्तुओं का उत्पादन किया जाए और कितनी मात्रा में ,                                                                                                    ( 2 ) इन वस्तुओं का उत्पादन कैसे किया जाए , 

( 3 ) इन वस्तुओं का उत्पादन किसके लिए किया जाए । 

प्रश्न 12. पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में केन्द्रीय समस्याओं का समाधान किसके माध्यम से किया जाता है ? 

उत्तर : पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में केन्द्रीय समस्याओं का समाधान कीमत यन्त्र ( माँग और पूर्ति की सापेक्षिक शक्तियों ) द्वारा किया जाता है ।

 प्रश्न 13. अर्थव्यवस्था की उत्पादन सम्भावनाओं से आपका क्या अभिप्राय है ?

 उत्तर : उपलब्ध संसाधनों की मात्रा एवं उपलब्ध तकनीकी एवं प्रौद्योगिकीय ज्ञान के द्वारा उत्पादित की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के सम्पूर्ण सम्भावित संयोगों को अर्थव्यवस्था की उत्पादन सम्भावनाएँ कहा जाता है । 

 प्रश्न 14 अवसर लागत का क्या अर्थ है ? अथवा अवसर लागत क्या है ?

 उत्तर : एक वस्तु की कुछ अधिक मात्रा प्राप्त करने के बदले दूसरी वस्तु की कुछ मात्रा को छोड़ना पड़ता है । इसे ही वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई को प्राप्त करने की अवसर लागत कहते   हैं । 

प्रश्न 15. उत्पादन सम्भावना सेट किसे कहते हैं ? 

उत्तर : उपलब्ध संसाधनों की मात्रा तथा उपलब्ध प्रौद्योगिकी ज्ञान के द्वारा उत्पादित की जा सकने वाली सभी वस्तुओं तथा सेवाओं के सभी सम्भावित संयोगों के समूह को अर्थव्यवस्था का उत्पादन सम्भावना सेट कहते हैं ।

 प्रश्न 16. उत्पादन सम्भावना वक्र क्या है ? . 

उत्तर : उत्पादन सम्भावना वक्र दो वस्तुओं X तथा Y के उन सभी संयोगों को बताता है जिनका उत्पादन अर्थव्यवस्था के संसाधनों का पूर्णरूप से उपयोग करने पर किया जाता है जबकि साधनों की मात्रा स्थिर है , उनका पूर्ण उपयोग हो . रहा है और उत्पादन तकनीकी दी हुई है ।

 प्रश्न 17. समाजवादी अर्थव्यवस्था में केन्द्रीय समस्याओं का समाधान किस प्रकार किया जाता है ?

 उत्तर : समाजवादी अर्थव्यवस्था में केन्द्रीय समस्याओं का समाधान केन्द्रीय नियोजन प्राधिकरण द्वारा नियन्त्रित कीमत प्रणाली को अपनाकर किया जाता है ।

 प्रश्न 18 . उत्तर व्यष्टि अर्थशास्त्र क्या है ? व्यष्टि अर्थशास्त्र का अर्थ लिखिए । 

उत्तर- व्यष्टि अर्थशास्त्र में किसी अर्थव्यवस्था की भिन्न - भिन्न छोटी - छोटी इकाइयों की आर्थिक क्रियाओं का विश्लेषण किया जाता है । इसके अंतर्गत विशेष व्यक्तियों , परिवार , फर्मों , उद्योगों , विशेष श्रमिक आदि का विश्लेषण किया जाता है । 

प्रश्न 19-निजी वस्तु किसे कहते हैं ? , 

उत्तर- निजी वस्तुओं की एक ही मात्रा की कीमत विभिन्न व्यक्तियों के लिए एक समान होती है । निजी वस्तुओं का उपभोग प्रतिस्पर्द्धात्मक होता है । निजी वस्तु वह है जिस पर अपवर्जन का सिद्धान्त लागू होता है | निजी वस्तु सेवा की एक निश्चित कीमत होती है ; वस्तु के उपभोग के / लिए यह कीमत अदा करनी आवश्यक होती है । 

प्रश्न 20 . समष्टि अर्थशास्त्र को परिभाषित कीजिए । 

उत्तर- प्रो ० बोल्डिंग के अनुसार , “ समष्टि अर्थशास्त्र का सम्बन्ध समूहों , राष्ट्रीय आय , मूल्य स्तर , राष्ट्रीय उत्पादन आदि से होता है ।

प्रश्न 21 . अर्थव्यवस्था से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर- लोग अपनी आजीविका अर्जित करने के लिए अलग - अलग तरह की क्रियाएँ करते हैं । एक क्षेत्र में रहने वाले लोगों द्वारा की गयी आर्थिक क्रियाओं के ' प्रकृति एवं स्तर ' एक व्यवस्था को दर्शाते हैं जिनके द्वारा उस क्षेत्र के लोग अपनी आजीविका उपार्जित करते हैं । इस व्यवस्था को ही अर्थव्यवस्था कहते हैं ।

प्रश्न-22ब्यष्टि अर्थशास्त्र की परिभाषा दीजिए ।

उत्तर- ' व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत विशेष व्यक्तियों , परिवार , फर्मों , उद्योगों , विशेष श्रमिक आदि का विश्लेषण किया जाता है । ' 

प्रश्न-23 " व्यष्टि अर्थशास्त्र एवं समष्टि अर्थशास्त्र के बीच एक अंतर बताइए ।

उत्तर- व्यष्टि अर्थशास्त्र व्यक्तिगत इकाइयों का अध्ययन होता है जबकि समष्टि अर्थशास्त्र में सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था का वृहत् एवं एक समग्र इकाई के रूप में अध्ययन होता है ।

→ प्रश्न 24. उपभोक्ता सन्तुलन को परिभाषित कीजिए ।

 उत्तर : उपभोक्ता सन्तुलन से अभिप्राय उस स्थिति से है , जब एक उपभोक्ता दी हुई आय से एक या दो वस्तुओं को इस प्रकार खरीदता है कि उसे अधिकतम सन्तुष्टि प्राप्त होती है तथा उसमें परिवर्तन लाने की कोई प्रवृत्ति जुड़ी होती है ।

प्रश्न 25. सकारात्मक आर्थिक विश्लेषण से आपका क्या अभिप्राय है? 

उत्तर – सकारात्मक आर्थिक विश्लेषण से अभिप्राय उस विश्लेषण से है , जिसके अन्तर्गत हम यह अध्ययन करते हैं कि विभिन्न क्रियाविधियाँ किस प्रकार कार्य करती हैं ।

 प्रश्न 26. आदर्शक आर्थिक विश्लेषण से आपका क्या अभिप्राय है ? 

उत्तर- आदर्शक आर्थिक विश्लेषण से अभिप्राय उस आर्थिक विश्लेषण से है , जिसमें हम यह समझने का प्रयास करते हैं कि कौन - सी कार्य विधियाँ हमारे अनुकूल हैं और कौन सी विधियाँ हमारे प्रतिकूल हैं । वास्तव में सकारात्मक तथा आदर्शक आर्थिक विश्लेषण एक दूसरे से अत्यन्त निकटता से सम्बन्धित हैं । "

     लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न

 प्रश्न.1. सकारात्मक आर्थिक विश्लेषण से आपका क्या अभिप्राय है ? 

उत्तर : एक सकारात्मक विज्ञान किसी विषय का वास्तविक रूप में अध्ययन करता है । इसमें ' क्या है ' अथवा ' वस्तुस्थिति कैसी है ' का अध्ययन किया जाता है । यह वस्तुस्थिति का अध्ययन करके कारण और परिणाम में सम्बन्ध स्थापित करता है । इसके अन्तर्गत हम यह अध्ययन करते हैं कि विभिन्न आर्थिक क्रियाएँ किस प्रकार कार्य करती हैं । इसमें वास्तविक आर्थिक घटनाओं के कारण परिणाम का विवेचन किया जाता है , उनका मूल्यांकन नहीं । इस प्रकार आर्थिक विश्लेषण की प्रत्येक शाखा में ' कारण ' और ' परिणाम ' का सम्बन्ध निर्धारित किया जाता है । -

 ( 1 ) उपभोग के क्षेत्र में , उपयोगिता ह्रास नियम बढ़ते उपभोग ( कारण ) और उसके परिणामस्वरूप घटती उपयोगिता ( परिणाम ) को बताता है । 

( 2 ) उत्पादन के क्षेत्र में , उत्पत्ति ह्रास नियम उत्तरोत्तर इकाइयों के बढ़ते प्रयोग ( कारण ) और उसके परिणामस्वरूप घटती उत्पादकता ( परिणाम ) के सम्बन्ध को स्पष्ट करता है ।

 ( 3 ) विनिमय के क्षेत्र में , कीमत परिवर्तन ( कारण ) का माँग और पूर्ति में परिवर्तन ( परिणाम ) इसका ही एक उदाहरण है ।

 ( 4 ) वितरण के क्षेत्र में , साधनों की पूर्ति बढ़ने पर ( कारण ) उनके पारितोषिक में कमी ( परिणाम ) आती है । ( 5 ) लोक वित्त के क्षेत्र में , कर लगाने ( कारण ) का उपभोग , उत्पादन एवं वितरण पर प्रभाव ( परिणाम ) है ।

प्रश्न 2. उत्पादन सम्भावना की एक काल्पनिक अनुसूची बनाइए एवं उसके आधार पर उत्पादन सम्भावना वक्र का निर्माण कीजिए ।

उत्तर:। तालिका : उत्पादन सम्भावना अनुसूची 





 

उपर्युक्त तालिका में दी गई वस्तुओं X तथा Y की उत्पादन सम्भावनाओं को जब एक रेखा द्वारा व्यक्त किया जाता है तो हमें उत्पादन सम्भावना रेखा प्राप्त हो जाती है । रेखाचित्र 1 में OX अक्ष पर X वस्तु की इकाइयाँ और OY अक्ष पर Y वस्तु की इकाइयाँ ली गई हैं । AE वक्र दोनों वस्तुओं के विभिन्न सम्भावित संयोगों को प्रकट करता है । यह उत्पादन सम्भाव्यता वक्र है जिसे रूपान्तरण वक्र ( Transformation Curve ) भी कहते हैं ।

प्रश्न 3. अवसर लागत की अवधारणा को समझाइए ।

 उत्तर : किसी वस्तु के उत्पादन की अवसर लागत वह वस्तु है जिसका त्याग किया जाता है । यह धारणा मूलत : इस तथ्य पर आधारित है कि हमारे पास साधन सीमित हैं , किन्तु इन साधनों के वैकल्पिक प्रयोग हो सकते हैं । अतः जब हम किसी साधन को किसी उद्योग विशेष में प्रयोग करते हैं तो अन्य उद्योग उस साधन से वंचित रह जाते हैं । दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि उस दशा में साधन विशेष को अन्य उद्योगों में प्रयोग के अवसरों को त्यागना पड़ता है । अतः उत्पत्ति के साधन को उद्योग विशेष में बनाए रखने के लिए उसे कम - से - कम इतना प्रतिफल अवश्य मिलना चाहिए . जितना कि उसे किसी अन्य सर्वश्रेष्ठ वैकल्पिक उद्योग में प्राप्त होता है अन्यथा वह दूसरे उद्योग में चला जाएगा ।


- रेखाचित्र - 2 के अनुसार , X वस्तु की ED मात्रा की अवसर लागत दूसरी वस्तु Y की CE मात्रा है । मुद्रा के रूप में किसी वस्तु Y की उत्पादन लागत मुद्रा की वह मात्रा है जोकि उत्पादन के साधनों को दूसरे वैकल्पिक प्रयोगों से हटाकर y के उत्पादन में लगाने के लिए आवश्यक है ।

         विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर

 प्रश्न 1. आर्थिक समस्या क्या है ? यह क्यों उत्पन्न होती है ? 

उत्तर : आर्थिक समस्या - अर्थ एवं परिभाषाएँ 

मानवीय आवश्यकताएँ असीमित होती हैं , किन्तु उन्हें सन्तुष्ट करने के लिए मानव के पास साधन सीमित मात्रा में ही उपलब्ध होते हैं , जिनके वैकल्पिक प्रयोग सम्भव हैं । ये सभी लक्षण परिवार व अर्थव्यवस्था दोनों पर ही लागू होते हैं ।

 ( 1 ) एक परिवार की आय सीमित होती है , जबकि उसकी आवश्यकताएँ असीमित । अत : एक परिवार अपनी सीमित आय से अपनी असीमित आवश्यकताओं को सन्तुष्ट नहीं कर सकता । 

( 2 ) एक अर्थव्यवस्था के पास साधन भी सीमित होते हैं , जबकि उसके नागरिकों की आवश्यकताएँ असीमित होती हैं । इस प्रकार न तो परिवार अपने सदस्यों की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकता है और न ही अर्थव्यवस्था अपने सभी नागरिकों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वस्तुओं / सेवाओं का प्रचुर मात्रा में उत्पादन कर सकती है । इस प्रकार आवश्यकताओं की तुलना में साधनों की सीमितता के कारण ही हमारे समक्ष यह समस्या उत्पन्न होती है कि हम किस प्रकार इनके मध्य कुशलतम समायोजन करें अर्थात् यह निर्धारित करें कि हम अपनी किन - किन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किन - किन साधनों का कितनी कितनी मात्रा में प्रयोग करें । इसके लिए हमें ' चयन करना पड़ता है और अर्थशास्त्र में ' चयन की समस्या ' ( Problem of Choice ) ही ' आर्थिक समस्या ' ( Economic Problem ) कहलाती है । आर्थिक समस्या की प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं 

1. लेफ्टविच के अनुसार , “ आर्थिक समस्या का सम्बन्ध वैकल्पिक मानवीय आवश्यकताओं में सीमित साधनों का प्रयोग करने और इन साधनों का इस दृष्टि से उपयोग करने से है कि आवश्यकताओं की अधिकतम सन्तुष्टि सम्भव हो सके । "

 2. एरिकरोल के अनुसार , “ आर्थिक समस्या मूलतः चयन की आवश्यकता में से उत्पन्न होने वाली समस्या है । यह वह चयन है जिसमें वैकल्पिक उपयोगों वाले सीमित संसाधनों का प्रयोग किया जाता है । यह संसाधनों के मितव्ययी उपयोग की समस्या है । " संक्षेप में , आर्थिक समस्या तब उत्पन्न होती है जब विभिन्न आवश्यकताओं की सन्तुष्टि के लिए सीमित साधनों का इष्टतम प्रयोग किया जाता है । 

       आर्थिक समस्या क्यों उत्पन्न होती है ?

 आर्थिक समस्या उत्पन्न होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं—

 1. आवश्यकताएँ असीमित हैं— मनुष्य की आवश्यकताएँ असीमित एवं अनन्त होती हैं । मनुष्य अपनी सभी आवश्यकताओं को सन्तुष्ट नहीं कर सकता क्योंकि एक आवश्यकता के पूरा हो जाने पर नई आवश्यकताएँ जन्म लेती रहती हैं । 

2. आवश्यकताओं की तीव्रता में अन्तर होता है— मनुष्य की आवश्यकताओं की तीव्रता में भी अन्तर होता है । कुछ आवश्यकताएँ मनुष्य के लिए अधिक महत्त्वपूर्ण होती हैं और कुछ कम महत्त्वपूर्ण । इसी प्रकार , भिन्न - भिन्न मनुष्यों की आवश्यकताओं की तीव्रता भी भिन्न भिन्न होती है । अतः प्रत्येक मनुष्य अपनी आवश्यकताओं को प्राथमिकता के क्रम में रख सकता है ।

3. साधन सीमित होते हैं- मनुष्य के पास उपलब्ध साधन सीमित / दुर्लभ होते हैं । इसका अर्थ है कि साधनों की पूर्ति उनकी माँग से कम होती है अर्थात् साधन की पूर्ति < साधन की माँग 

 4. साधनों के वैकल्पिक प्रयोग हो सकते हैं— सीमित साधनों के वैकल्पिक प्रयोग हो सकते हैं । उदाहरण के लिए विद्युत का प्रयोग अनेक कार्यों में किया जा सकता है । लेकिन हमारे पास ' विद्युत भार ' सीमित है । अतः हमें यह चयन करना होगा कि हम विद्युत का प्रयोग किस - किस कार्य में करें ।

 5. चयन की समस्या ही आर्थिक समस्या है -इस प्रकार कोई भी ( व्यक्ति , परिवार अथवा राज्य ) अपने सीमित साधनों से अपनी असीमित आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सकता । उसे यह चयन करना होता है कि वह किस साधन की कितनी मात्रा किस साध्य के प्रयोग में लगाए । यही आर्थिक समस्या है । संक्षेप में , चयन की समस्या ही आर्थिक समस्या है ।

 प्रश्न 2. उत्पादन सम्भावना वक्र की अवधारणा को समझाइए । इसकी विशेषताएँ एवं अपवादों को बताइए । उत्पादन सम्भावना वक्र द्वारा दो पदार्थों के इष्टतम संयोग को दर्शाइए । 

उत्तर : उत्पादन सम्भावना वक्र - अर्थ एवं परिभाषा 

उत्पादन सम्भावना वक्र इस विश्लेषण पर आधारित है कि अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधन सीमित हैं , किन्तु उत्पादित की जाने वाली वस्तुएँ असीमित हैं ; इसलिए अर्थव्यवस्था को साधनों के वैकल्पिक उपयोगों के बीच चयन करना पड़ता है । वस्तुओं के उत्पादन के अनेक विकल्पों को अर्थव्यवस्था की उत्पादन सम्भावनाएँ ( Production Possibilities ) कहते हैं । यदि इन उत्पादन सम्भावनाओं को रेखाचित्र के द्वारा प्रदर्शित किया जाए तो उनके द्वारा बनने व रेखा को ' उत्पादन सम्भावना वक्र ' कहते हैं । 

सैम्युल्सन के अनुसार , “ उत्पादन सम्भावना वक्र वह वक्र है , जो दो वस्तुओं / सेवाओं के उन सभी संयोगों को प्रकट करता है जिनका अधिकतम उत्पादन एक अर्थव्यवस्था के दिए हुए साधनों तथा तकनीक के द्वारा साधनों के पूर्ण रोजगार की स्थिति में सम्भव होता है । " इसे रूपान्तरण रेखा ( transformation line ) भी कहा जाता है , क्योंकि इस रेखा से ज्ञात होता है कि एक वस्तु X का अधिक उत्पादन किया जाता है तो वस्तु- Y से उत्पादन के साधन हटाकर वस्तु- X के उत्पादन में लगाए जाते हैं अर्थात् वस्तु - Y का वस्तु X में रूपान्तरण किया जाता है । उदाहरण एवं रेखाचित्र द्वारा स्पष्टीकरण यदि किसी समय विशेष में साधनों की मात्रा स्थिर है तथा उनका पूर्ण उपयोग हो रहा और एक अर्थव्यवस्था केवल दो वस्तुओं X तथा Y का उत्पादन कर रही है , तो वस्तु X की अधिक मात्रा के उत्पादन का अर्थ है कि वस्तु y के उत्पादन के साधनों को हटाना पड़ेगा और Y की कम मात्रा का उत्पादन करना पड़ेगा अथवा Y की अधिक मात्रा के उत्पादन का अर्थ है कि X की कम मात्रा का उत्पादन करना पड़ेगा X वस्तु की कितनी मात्रा तथा Y वस्तु की कितनी मात्रा का उत्पादन किया जाए , इस सम्बन्ध में समाज को चयन करना होगा । दूसरे शब्दों में , साधनों के पूर्ण रोजगार वाली अर्थव्यवस्था में समाज को विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन के सम्बन्ध में ' चुनावों की सूची का निर्धारण करना होगा । अतः 

" एक उत्पादन सम्भावना वक्र चुनावों की सूची को बताता है । " 


रेखाचित्र 3 में PP रेखा उत्पादन सम्भावना वक्र है । इस रेखा पर बिन्दु A , B तथा C दो वस्तुओं X और Y के उत्पादन की विभिन्न सम्भावनाएँ या विकल्पों को बताते हैं । समाज इनमें से किसी भी विकल्प का चयन कर सकता है । इस आधार पर उत्पादन सम्भावना रेखा को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है — " एक उत्पादन सम्भावना रेखा दो वस्तुओं X तथा Y के उन सभी संयोगों को बताती है जिनका अधिकतम उत्पादन एक समाज के लिए सम्भव है , जबकि साधनों की मात्रा स्थिर है और उनका पूर्ण प्रयोग हो रहा है तथा उत्पादन की तकनीकी स्थिति दी हुई है । 



"PP उपर्युक्त रेखाचित्र 3 रेखा पर बिन्दु A , B व C , X और Y वस्तुओं की अधिकतम मात्राओं को बताते हैं जिनका कि एक समाज उत्पादन कर सकता है । दूसरे शब्दों में , " उत्पादन सम्भावना रेखा एक वस्तु ( माना X ) की अधिकतम मात्रा को बताती है जो कि दूसरी वस्तु ( माना Y ) के साथ उत्पादन की प्रत्येक सम्भाव्य मात्रा उत्पादित की जा सकती है जबकि . साधनों की मात्रा स्थिर हो और उनका पूर्ण प्रयोग हो रहा हो तथा उत्पादन की तकनीकी स्थिति दी हुई हो ।

 " मान्यताएँ — उत्पादन सम्भाव्यता वक्र प्रणाली निम्नलिखित मान्यताओं पर आधारित है—

 ( 1 ) फर्म के पास एक साधन की दी हुई मात्राएँ हैं जिससे वह उत्पादन करती है । 

( 2 ) वह दो वस्तुओं X तथा Y का विभिन्न अनुपातों में उत्पादन कर सकती है ।

 ( 3 ) यदि वह एक वस्तु की अधिक इकाइयों का उत्पादन करती है तो उसे दूसरी का कम उत्पादन करना होगा और इसका विलोमशः   भी । 

( 4 ) उत्पादन तकनीक में कोई परिवर्तन नहीं होता ।

 ( 5 ) समय अवधि अल्पकालीन है ।

 ( 6 ) अर्थव्यवस्था में सभी साधनों का पूर्ण प्रयोग हो रहा है । 

उत्पादन सम्भाव्यता अनुसूची- उपर्युक्त मान्यताओं के दिए हुए होने पर हम एक काल्पनिक उत्पादन सम्भाव्यता अनुसूची बना सकते हैं । 

        तालिका : उत्पादन सम्भाव्यता अनुसूची



 उपर्युक्त तालिका में दी गई वस्तुओं X तथा Y की उत्पादन सम्भावनाओं को जब एक रेखा द्वारा व्यक्त किया जाता है तो हमें उत्पादन सम्भावना रेखा प्राप्त हो जाती है । रेखाचित्र -4 में OX अक्ष पर X वस्तु की इकाइयाँ और OY अक्ष पर y वस्तु की इकाइयाँ ली गई हैं । AB वक्र दोनों वस्तुओं के विभिन्न सम्भावित संयोगों को प्रकट करता है । यह उत्पादन सम्भाव्यता वक्र है जिसे रूपान्तरण ( Transformation Curve ) भी कहते हैं ।



उत्पादन सम्भावना वक्र की विशेषताएँ 

उत्पादन सम्भावना वक्र की मुख्य विशेषताएँ निम्नांकित हैं

 ( 1 ) एक उत्पादन सम्भावना वक्र बाएँ से दाएँ नीचे की ओर गिरता हुआ होता है । दूसरे शब्दों में , यह रेखा बताती है कि एक पूर्ण रोजगार वाली अर्थव्यवस्था में यदि एक वस्तु X की मात्रा बढ़ाई जाती है तो दूसरी वस्तु Y की मात्रा घटानी पड़ेगी । 

( 2 ) सामान्यतया एक उत्पादन सम्भावना वक्र मूल बिन्दु के प्रति नतोदर होता है । रेखाचित्र 5 से स्पष्ट है कि यदि X वस्तु के उत्पादन को एक - एक करके बढ़ाया जाता है तो Y वस्तु की अधिकाधिक मात्रा का त्याग करना पड़ेगा ( और यदि Y वस्तु के उत्पादन को एक - एक करके बढ़ाया जाता है तो X वस्तु अधिकाधिक मात्रा का त्याग करना पड़ेगा । ( रेखाचित्र -5 में हम जैसे - जैसे X वस्तु की एक - एक इकाई को बढ़ाते जाते हैं Y वस्तु की ab , cd , ef , gh , ij , kl , mn,oq मात्रा का त्याग करना पड़ता है । )

 ( 3 ) उत्पादन सम्भावना रेखा पर X और Y का कोई भी संयोग तकनीकी दृष्टि से कुशल है जबकि इसके भीतर प्रत्येक बिन्दु तकनीकी दृष्टि से अकुशल है ( जैसे- रेखाचित्र 6 में D बिन्दु ) और इस रेखा के बाहर प्रत्येक बिन्दु तकनीकी दृष्टि से अप्राप्य है ( जैसे— रेखाचित्र 6 में E बिन्दु )

 ( 4 ) उत्पादन सम्भावना रेखा पर विभिन्न संयोगों में से वांछनीय संयोग का चयन एक समाज नैतिक मूल्यों के आधार पर चुनेगा । 

अपवाद - निम्नलिखित दो परिस्थितियों में उत्पादन सम्भावना वक्र नतोदर नहीं होते -

 ( 1 ) जब दोनों वस्तुओं में पूर्ण स्थानापन्नता नहीं पायी जाती , अर्थात् जब वे संयुक्त वस्तुएँ हों और स्थिर अनुपातों में ही प्रयोग की जा सकें । रेखाचित्र 7 में ABC उत्पादन सम्भाव्यता बिन्दु X और Y वस्तुओं की निश्चित प्रदाओं को व्यक्त करते हैं । इसमें दोनों ही वस्तुओं की इकाइयाँ लगातार बढ़ती जाती हैं । अतः यदि दो वस्तुएँ बिल्कुल स्थानापन्न न हों तो उत्पादन सम्भाव्यता वक्र Y1AX1 , Y2BX2 तथा Y3CX3 की शक्ल के होंगे । ऐसी स्थिति में रूपान्तरण की सीमान्त दर स्थिर होगी । ( देखिए रेखाचित्र 7 )



( 2 ) यदि दोनों वस्तुएँ पूर्ण स्थानापन्न हों तो उत्पादन सम्भाव्यता वक्र सरल रेखाएँ होंगी ; जैसे - Y X1 , Y2 X 2 तथा Y3 X3। ऐसी वस्तुओं की रूपान्तरण की सीमान्त दर इकाई के बराबर होती है । ( देखिए रेखाचित्र - 8 ) 
 दो प्रदाओं का इष्टतम संयोग 
 (1 ) एक फर्म दो प्रदाओं के इष्टतम संयोग से अधिकतम लाभ की स्थिति में उस समय होगी , जब यह अपनी दी हुई आदा के प्रयोग से उन वस्तुओं को बेचकर अधिकतम आगम प्राप्त करती है । फर्म एक आदा द्वारा दो प्रदाओं के इष्टतम संयोग में उस बिन्दु पर होगी जहाँ कि सम आगम रेखा उत्पादन सम्भाव्यता वक्र को स्पर्श करती है ।
          रेखाचित्र 9 में E इष्टतम संयोग का बिन्दु है जहाँ T R1 सम आगम रेखा उत्पादन सम्भावना वक्र AB को स्पर्श करती है । फर्म वस्तु X की OX1 , प्रदा और वस्तु Y की OY1 प्रदा बेचकर अधिकतम लाभ ( आगम ) प्राप्त करती है ।
 ( 2 ) इष्टतम संयोग की दूसरी शर्त यह है कि सन्तुलन बिन्दु पर दोनों वस्तुओं के कीमत अनुपात उसकी रूपान्तरण की सीमान्त दर के बराबर हों । E बिंदु पर यह शर्त भी पूरी हो जाती हैं; क्योंकि T1R1 तथा AB की ढलान इस बिन्दु पर बराबर है


(3)उत्पादन संभावना वक्र नतोदर हो।



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