Indigo-Summary Of the Lesson
Summary of the Lesson
The story ' Indigo ' is an excerpt from Louis Fischer's book " The Life of Mahatma Gandhi ' . The story is set in 1916-17 . The place is Champaran in Bihar . The great leadership qualities were shown by Gandhi to secure justice for oppressed people through argumentation and and bold negotiations . Gandhi gave leadership to poor peasants of that region . There were big estates owned by British people and the workers were Indian tenants . The tenants were compelled to grow indigo . A peasant Rajkumar Shukla met Gandhi and insisted on him visiting the place to help their cause of justice . In Patna Gandhi visited a lawyer named Rajendra Prasad ( he became the first President of India ) . A lot of lawyers and peasants poured in large number to support Gandhi and his cause . Gandhi showed the people how to fight boldly against the discrimination of British Raj . The agitation prolonged for one year and ended in grand success by gaining privileges in favor of peasants. Thus Gandhi showed the path to fight against atrocities and in later years of freedom struggle thousands of Indians gave their contribution to the freedom movement.
पाठ का सारांश
लुईस फिशर की पुस्तक “ The Life of Mahatma Gandhi ' से Indigo की कहानी को उद्धृत किया गया है । कहानी का कथानक 1916-17 चम्पारण है जो बिहार में है । जब गांधी ने सताए गए लोगों के लिए न्याय माँगा तो गांधी जी ने उच्च नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया , इसके लिए उन्होंने तर्क दिए और सशक्त रूप से वार्ताएँ कीं । गांधी जी ने उस क्षेत्र के गरीब किसानों का नेतृत्व किया । बड़ी - बड़ी जागीरें थीं जिनके मालिक ब्रिटिश लोग थे और इनमें कामगार भारतीय काश्तकार होते थे । काश्तकारों को नील की खेती करने को मजबूर किया जाता था । राजकुमार शुक्ला नामक एक किसान गांधी जी से मिला और उनसे आग्रह किया कि वे उसके जनपद में आएँ ताकि किसानों को न्याय दिलाया जा सके । पटना में गांधी जी राजेन्द्र प्रसाद नाम के एक अधिवक्ता से मिले जो बाद में भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने । गांधी जी के समर्थन में काफी बड़ी संख्या में वकील और किसान उठ खड़े हुए । गांधी जी ने लोगों को ब्रिटिश राज के अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने का ढंग सिखाया । यह आन्दोलन एक वर्ष तक चला और यह पूरी तरह से सफल रहा और किसानों के पक्ष में अनेक सुविधाओं की घोषणा की गयी । इस प्रकार गांधी जी ने नृशंसता के विरुद्ध संघर्षरत होना सिखाया और स्वतन्त्रता संग्राम के बाद के वर्षों में हजारों भारतीयों ने स्वतन्त्रता आन्दोलन में अपना योगदान दिया ।
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